बच्ची दुष्कर्म मामला : पीड़िता के स्वास्थ्य की जांच का आदेश
राजधानी में आठ माह की बच्ची के साथ दुष्कर्म की घटना पर गम्भीर चिंता जताते हुए उच्चतम न्यायालय ने अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के दो चिकित्सकों को कलावती शरण अस्पताल जाकर पीड़िता का मुआयना करने का आज निर्देश दिया.
दुष्कर्म पीड़िता बच्ची के स्वास्थ्य के जांच का आदेश (फाइल फोटो) |
उच्चतम न्यायालय ने अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के दो चिकित्सकों को कलावती शरण अस्पताल जाकर पीड़िता का मुआयना करने का आज निर्देश दिया. राजधानी में आठ माह की बच्ची के साथ दुष्कर्म की घटना पर गम्भीर चिंता जताते हुए. न्यायालय ने दोनों चिकित्सकों को यह तय करने को कहा है कि पीड़ति बच्ची को एम्स स्थानांतरित किया जा सकता है या नहीं, या क्या बेहतर उपाय हो सकता है?
मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा, न्यायमूर्ति ए एम खानविलकर और न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ की पीठ ने दिल्ली विधिक सेवा प्राधिकरण को इस मामले में सहयोग करने का आदेश दिया तथा मामले की सुनवाई कल तक के लिए मुल्तवी कर दी.
न्यायालय ने वकील अलख आलोक श्रीवास्तव की याचिका पर सुनवाई की. न्यायालय ने इस मामले को लेकर न सिर्फ जल्द सुनवाई की, बल्कि अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल (एएसजी) को भी बुलाया.
मामले की गम्भीरता को देखते हुए एएसजी पी एस नरसिम्हन, तुषार मेहता और ¨पकी आनंद भी अदालत कक्ष में पहुंचे.
न्यायालय ने सुनवाई के दौरान अपने आदेश में कहा कि चिकित्सकों के साथ विशेष एम्बुलेंस भी जायेगी और चिकित्सकों को लगे तो बच्ची को एम्स में तुरंत भर्ती किया जायेगा.
जनहित याचिका में कहा गया है कि बच्ची के पिता मां गरीब हैं तो तुरंत अच्छी मेडिकल सुविधायें उपलब्ध करायी जाये और नियमों के मुताबिक तुरंत 10 लाख रुपये मुआवजा दिया जाये.
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