मध्य प्रदेश के गुना जिले में अतिक्रमण हटाने गए दस्ते द्वारा दलित किसान परिवार की पिटाई किए जाने के मामले में राज्य सरकार ने ग्वालियर परिक्षेत्र के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक, जिलाधिकारी व पुलिस अधीक्षक को हटाने के बाद छह पुलिसकर्मियों को भी निलंबित कर दिया है।
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पिछले दिनों गुना जिले के केंट थाना क्षेत्र में एक कॉलेज की जमीन पर अतिक्रमण हटाने गए दल ने दलित किसान परिवार की पिटाई की थी, वहीं किसान दंपत्ति ने कीटनाशक पी लिया था। इस मामले को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने गंभीरता से लिया और बुधवार देर रात जिलाधिकारी एस. विश्वनाथन व पुलिस अधीक्षक तरुण नायक को हटाने के आदेश दिए। वहीं गुरुवार को ग्वालियर रेंज के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक राजाबाबू सिंह को हटा दिया गया।
आधिकारिक तौर पर गुरुवार शाम दी गई जानकारी के अनुसार, गुना के जगनपुर चक में कॉलेज के लिए आवंटित शासकीय भूमि को अतिक्रमण मुक्त कराने के दौरान पुलिस द्वारा बल प्रयोग में संदिग्ध पाए जाने पर छह पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया है।
इससे पहले राज्य के गृहमंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने इस घटना की उच्चस्तरीय जांच कराने के लिए भोपाल से विशेष दल भेजने की बात कही थी।
किसान पिटाई मामले को राज्यसभा सदस्य ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भी दुर्भाग्यपूर्ण बताया था और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से बात की थी, साथ ही असंवेदनशील व दोषी अधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई का अनुरोध किया था। वहीं कांग्रेस ने इस मामले में सरकार पर हमले बोले हैं। शिवराज सरकार की वापसी को जंगलराज की वापसी की संज्ञा तक दी गई है।
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