मध्य प्रदेश में डंग के इस्तीफे के बाद पूरी रात चला सियासी ड्रामा

Last Updated 06 Mar 2020 10:51:52 AM IST

मध्य प्रदेश में पिछले पांच छह दिनों से चल रहे सियासी घटनाक्रमों के बीच कांग्रेस विधायक हरदीप सिंह डंग के इस्तीफे के बाद राज्य में सत्तारूढ़ दल कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं के बीच बैठकों का दौर मुख्यमंत्री निवास पर देर रात तक चला।


मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ (फाइल फोटो)

डंग के त्यागपत्र के बाद कल देर रात ही भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) विधायक नारायण त्रिपाठी ने मुख्यमंत्री निवास पहुंचकर मुख्यमंत्री कमलनाथ से मुलाकात की। इस दौरान उनके त्यागपत्र की भी खबर उड़ गयी, हालांकि मुलाकात के बाद रात्रि लगभग 12 बजे मुख्यमंत्री निवास के बाहर त्रिपाठी ने मीडिया से त्यागपत्र से इंकार किया और दावा किया कि वे अपने विधानसभा क्षेत्र मैहर के ‘विकास’ के संबंध में मुख्यमंत्री से मिलने गए थे।

त्रिपाठी के साथ ही भाजपा के एक अन्य विधायक के मुख्यमंत्री निवास पहुंचने की खबरें भी आयीं, लेकिन इसकी पुष्टि नहीं हो पायी। डंग के इस्तीफे के बाद दो भाजपा विधायकों के मुख्यमंत्री निवास पहुंचने के घटनाक्रम को नहले पर दहले के रूप में देखा जा रहा था, लेकिन मध्य रात्रि में साफ हुआ कि किसी भी भाजपा विधायक का त्यागपत्र नहीं हुआ है। वहीं रात में कमलनाथ मंत्रिमंडल के अनेक सदस्य मुख्यमंत्री निवास पहुंचे और सभी के साथ मुख्यमंत्री की चर्चा हुयी। माना जा रहा है कि इस दौरान ताजा राजनैतिक हालातों पर मंथन हुआ और भविष्य की सत्तारूढ़ दल की रणनीति भी तय की गयी।

कल से तेज हुए राजनैतिक घटनाक्रमों के बीच वरिष्ठ कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह भी आज दिल्ली से भोपाल पहुंच रहे हैं। उनके कार्यालय की ओर से कल रात ही बताया गया कि सिंह का शुक्रवार का उत्तरी अंचल और ओरछा का दौरा निरस्त कर दिया गया है और वे भोपाल में ही रहेंगे। वहीं मुख्यमंत्री राजधानी में हैं और शाम को उनका ओरछा जाने का कार्यक्रम है।

दूसरी ओर भाजपा के वरिष्ठ नेता शिवराज सिंह चौहान और अन्य नेताओं के दिल्ली में ही रहने की खबरें हैं। माना जा रहा है कि कथित ‘ऑपरेशन लोटस’ दिल्ली से ही संचालित हो रहा है। कांग्रेस के ‘लापता’ विधायक बिसाहूलाल सिंह, हरदीप सिंह डंग और रघुराज कंसाना और निर्दलीय विधायक सुरेंद्र सिंह शेरा बंगलूर में डेरा डाले हुए हैं।

वहीं बुधवार को राजधानी दिल्ली से लौटे छह विधायकों में से तीन विधायक बसपा के संजीव कुशवाह और रामबाई तथा सपा विधायक राजेश कुमार शुक्ला के सुर बगावती ही नजर आए। कल दिन भर विभिन्न समाचार माध्यमों को साक्षात्कार में इन विधायकों ने इस बात से इंकार किया कि उन्हें बंधक बनाया गया था या कोई प्रलोभन दिया गया। बुधवार को लौटे तीन अन्य विधायकों में ऐदल सिंह कंसाना, रणवीर जाटव और कमलेश लाटव शामिल हैं।

इन छह विधायकों के लौटने के बाद बुधवार को सत्तारूढ़ दल कांग्रेस के रणनीतिकारों ने थोड़ी राहत की सांस ली थी, लेकिन कल देर शाम सत्तारूढ़ दल कांग्रेस के विधायक डंग के त्यागपत्र के बाद राजनैतिक पारा एक बार फिर बढ़ गया। डंग ‘अज्ञात’ स्थान पर हैं और उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष को विधायक पद से त्यागपत्र ईमेल के माध्यम से भेजा है। पहले इस त्यागपत्र को फर्जी भी बताया गया, लेकिन इसका घंटों बीत जाने के बावजूद डंग की ओर से खंडन नहीं किया गया।

वहीं विधानसभा अध्यक्ष एन पी प्रजापति और मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा कि डंग के त्यागपा की खबर आयी हैं, लेकिन उन्होंने उनसे मिलकर त्यागपा नहीं दिया है। प्रजापति ने कहा कि जब ऐसा होगा, वे इस पर विचार करके अगला कदम उठाएंगे। वहीं डंग के त्यागपत्र के बाद भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा ने तत्काल अपना बयान जारी कर मुख्यमंत्री से जानना चाहा कि डंग का त्यागपत्र क्यों आया है। इस बारे में उन्हें स्पष्ट करना चाहिए।

इस बीच कांग्रेस नेताओं का दावा है कि राज्य सरकार पूरी तरह सुरक्षित है और उसे कोई खतरा नहीं है और वह अपना पांच वर्ष का कार्यकाल पूरा करेगी। जनसंपर्क मंत्री पी सी शर्मा ने आज मीडिया से कहा कि राज्य सरकार जनकल्याण के कामों में लगी हुयी है और इस कार्य में निरंतर लगी रहेगी।

वहीं इस संपूर्ण मामले में कथित तौर पर प्रदेश सरकार से नाराज बताए जा रहे वरिष्ठ नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया की चुप्पी भी राजनैतिक गलियारों में चर्चा का विषय बनी हुयी है। हालांकि सिंधिया समर्थक राज्य सरकार में मंत्री और नेताओं के बयान जरूर कुछेक अवसर पर सुनायी दे जाते हैं। इस बीच सिंधिया समर्थक दो मंत्रियों के कल दिल्ली जाने की खबर भी मीडिया में आयी, लेकिन इसका उद्देश्य साफ नहीं हो पाया।

राज्य में सियासी घटनाक्रम उस समय शुरू हुआ जब पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने चार पांच दिन पहले दिल्ली में मीडिया के समक्ष आरोप लगाया कि भाजपा राज्य के कांग्रेस और अन्य विधायकों को अपने पक्ष में करने के लिए 25 से 35 करोड़ रुपयों का ऑफर दे रही है। साथ ही उन्होंने यह भी कहा था कि लेकिन भाजपा के मंसूबे पूरे नहीं होंगे, क्योंकि कांग्रेस विधायक बिकाऊ नहीं हैं और भाजपा को पूरे पांच साल तक विपक्ष में रहना होगा।

इस बयान के अगले दिन सिंह ने ट्वीट किया कि विधायकों को दिल्ली ले जाने का क्रम शुरू हो गया है। देर शाम राज्य के तीन चार मंत्री भी दिल्ली पहुंचे रातभर चली कथित उठापठक के बाद अगले दिन राज्य के मंत्री छह विधायकों को विशेष विमान से दिल्ली से लेकर वापस भोपाल आ गए। इन विधायकों ने मुख्यमंत्री निवास पर कमलनाथ से मुलाकात की और तब कांग्रेस ने दावा किया कि भाजपा का राज्य की सरकार गिराने का प्रयास असफल हो गया है।

लेकिन कल यानी गुरूवार की देर शाम कांग्रेस विधायक डंग के कथित त्यागपत्र के बाद राजनीतिक घटनाक्रम एक बार फिर तेजी से शुरू हो गया। चार विधायक अभी तक भोपाल नहीं लौटे हैं। इनमें पूर्व मंत्री और वरिष्ठ आदिवासी नेता बिसाहूलाल सिंह भी शामिल हैं। सिंह के पुत्र ने कल यहां टीटीनगर थाने में पैंसठ वर्षीय बिसाहूलाल सिंह के दो मार्च से लापता होने के संबंध में पुलिस दर्ज करायी है। पुलिस ने सिंह की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कर ली है।

राज्य में सोलह मार्च से विधानसभा का महत्वपूर्ण बजट सत्र भी प्रारंभ हो रहा है। इसके अलावा मध्य प्रदेश से राज्यसभा की तीन सीटों के लिए निर्वाचन की प्रक्रिया भी आज से प्रारंभ हो रही है।

 

वार्ता
भोपाल


Post You May Like..!!

Latest News

Entertainment