MP: गौर और सरताज की सीटों पर मचा घमासान
मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के पहले दो वरिष्ठ विधायकों बाबूलाल गौर और सरताज सिंह की सीटों गोविंदपुरा और सिवनी-मालवा पर घमासान मचा हुआ है।
बाबूलाल गौर (फाइल फोटो) |
दोनों को दो साल पहले मंत्री पद से हटा दिया गया था। इसके बाद दोनों इस बार फिर चुनाव लड़ने के लिए तैयार हैं। दोनों की ही सीटों पर संशय बना हुआ है।
गोविंदपुरा में कई अन्य नेताओं की दावेदारी की खबरों के बीच गौर ने आज यहां संवाददाताओं से कहा कि उन्हें विश्वास है कि उन्हें ही टिकट मिलेगा। उन्होंने निर्दलीय लड़ने की आशंकाओं को भी खारिज कर दिया।
इसके पहले उन्होंने यह कह कर सनसनी फैला दी थी कि अगर पार्टी की ओर से उन्हें या उनकी बहू कृष्णा गौर को गोविंदपुरा से टिकट नहीं दिया गया तो वे और उनकी बहू अलग-अलग सीटों से निर्दलीय लड़ेंगे।
गोविंदपुरा सीट से गौर की बहू की भी दावेदारी है। तीन दिन पहले कृष्णा गौर के समर्थक उनके पक्ष में सड़कों पर भी उतर आए थे। खबरों के मुताबिक इस बार गोविंदपुरा सीट पर भाजपा संगठन से जुड़े वी डी शर्मा या महापौर आलोक शर्मा को टिकट दे सकती है।
हालांकि कृष्णा गौर ने भी निर्दलीय लड़ने की संभावनाओं को खारिज कर दिया। उन्होंने संवाददाताओं से कहा कि संगठन उचित फैसला लेगा। सीट पर किसी प्रकार का असमंजस नहीं है।
वहीं सिवनी-मालवा विधायक सरताज सिंह ने भी संवाददाताओं से कहा कि केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर से उनकी बातचीत हुई है। हालांकि उन्हें अभी टिकट मिलने की पुष्टि नहीं हुई है। उन्होंने आगे कहा कि तोमर ने उनकी बात उचित फोरम पर रखने का आश्वासन दिया है।
सिंह ने निर्दलीय चुनाव लड़ने की संभावनाओं पर कहा कि वे इस बारे में अभी अपने परिवार और कार्यकर्ताओं से विमर्श कर फैसला लेंगे।
गौर 10 बार विधायक रहने के साथ प्रदेश के मुख्यमंत्री और गृह मंत्री भी रह चुके हैं। दूसरी ओर सिंह एक बार केंद्रीय मंत्री, प्रदेश के पीडब्ल्यूडी मंत्री, दो बार के सांसद और पांच बार के विधायक रह चुके हैं।
भाजपा के इस घमासान पर चुटकी लेते हुए कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह ने गुना में संवाददाताओं से कहा कि भाजपा गौर के साथ गलत व्यवहार कर रही है, ऐसा तो दुश्मन के साथ भी नहीं किया जाता।
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