दुष्कर्म के दोषियों को फांसी की सजा देने का विधेयक पारित
12 साल की उम्र तक की बालिकाओं के साथ दुष्कर्म या सामूहिक दुष्कर्म करने के दोषियों को फांसी की सजा देने के प्रावधान वाला संशोधन विधेयक आज सर्वसम्मति से पारित कर दिया.
(फाइ |
मध्यप्रदेश विधानसभा में 12 साल की उम्र तक की बालिकाओं के साथ दुष्कर्म या सामूहिक दुष्कर्म करने के दोषियों को फांसी की सजा देने के प्रावधान वाला संशोधन विधेयक के साथ ही महिलाओं के खिलाफ अपराधियों को सख्त सजा देने के उद्देश्य से इस प्रकार का विधेयक लाने वाला मध्यप्रदेश देश में पहला राज्य बन गया.
यह विधेयक विधानसभा में प्रदेश के विधि एवं विधायी कार्य मंत्री रामपाल सिंह ने प्रस्तुत किया. इस पर पक्ष विपक्ष के सदस्यों के बीच विस्तृत चर्चा के बाद आज इसे सर्वसम्मति से पारित कर दिया गया.
प्रदेश के गृहमंत्री ने मीडिया से कहा, अब इसे स्वीकृति के लिये राष्ट्रपति के पास भेजा जायेगा. उनकी स्वीकृति के बाद यह प्रदेश में कानून के तौर पर लागू हो जायेगा. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह की मंशा अनुसार महिलाओं के खिलाफ ऐसे अपराध करने वाले दोषियों को फांसी जैसी सख्त सजा देने के प्रावधान वाला यह विधेयक सदन में आज पारित हो गया है. मध्यप्रदेश के लिये आज का दिन ऐतिहासिक है.
विधेयक के मुताबिक 12 साल तक की बालिकाओं के साथ दुष्कर्म के दोषियों को धारा 376 एए के तहत तथा सामूहिक दुष्कर्म के दोषियों को धारा 376 डीए के तहत फांसी की सजा देने का प्रावधान किया गया है.
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने विधेयक के पारित होने पर संतोष व्यक्त करते हुए कहा कि समाज में दंड विधान बनाया तो यह सोचकर ही बनाया कि कुछ लोग दंड से ही मानते हैं. इसलिये दंड कड़ा किया गया है. दूसरी तरफ इस प्रकार के अपराधों के प्रति समाज को जागरूक करने के प्रयास भी किये जायेंगे और इस मामले में जागरूकता अभियान चलाया जायेगा.
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