टॉयलेट के लिए रूठी इस गांव की बहुएं, ससुराल में नहीं मनाएंगी दिवाली
दीपावली पर लोग अपने घरों में लक्ष्मी के आगमन का इंतजार करते हैं. वहीं इस बार एक गांव में हर घर की लक्ष्मी रूठ कर मायके जाने की तैयारी में हैं.
टॉयलेट के लिए रूठीं इस गांव की बहुएं |
दरअसल, मध्य प्रदेश के शहडोल के एक गांव में बहुएं बेहद नाराज हैं और उनकी नाराजगी का कारण है टॉयलेट न होना. यूं तो मध्य प्रदेश के लिए टॉयलेट को लेकर नाराजगी कोई पहली बार नहीं हैं. पहले भी यहां बेटी-बहुएं खुले में शौच और टॉयलेट न होने को लेकर विरोध जताती रही हैं. लेकिन इस बार घर की लक्ष्मी मानी जाने वाली बहुओं ने एक साथ आंदोलन छेड़ दिया है, जिसने गांव के पुरुषों के माथे पर पसीना ला दिया है.
मामला बिजहा गांव का है. यहां की महिलाओं का कहना है कि अगर दीपावली तक शौचालय नहीं बना तो वह दीपावली पर ससुराल छोड़कर मायके चली जाएंगी. अभी तक करीब डेढ़ दर्जन महिलाएं गांव छोड़कर मायके जाने के तैयारी में हैं.
गांव की ही एक बहू स्वाति सोनी ने गांव की अन्य महिलाओं को इसके लिए प्रेरित किया. सिंगरौली की रहने वाली स्वाति की शादी चार महीने पहले गांव के शिवशंकर सोनी से हुई थी. स्वाति जब सुसराल आई तो उसे घर में शौचालय नहीं होने का पता चला. बाहर शौच जाने में उसे बड़ी शर्मिंदगी हुई. उसने सुसराल वालों से घर में शौचालय बनवाने के लिए कहा, लेकिन बात बनती न देख उसने जिला पंचायत सदस्य कृष्णा पटेल को पत्र लिखकर अपनी निजता का अधिकार का हवाला दिया.
स्वाति का कहना है कि अगर उसे पहले यह बात मालूम होती तो वह यहां कभी शादी नहीं करती. स्वाति के इस कदम से प्रेरित होकर गांव की अन्य महिलाओं ने भी घरवालों से शौचालय निर्माण की मांग की.
इस मामले में इन महिलाओं ने अपने इलाके के जनप्रतिनिधियों को पत्र लिखकर भी कहा है कि शौचालय नहीं बनवाया तो वह अपने मायके चली जाएंगी.
इस बाबत जिला पंचायत की सदस्य कृष्णा पटेल का कहना है कि शौचालय निर्माण के संबंध में कई महिलाओं के पत्र आए हैं. पत्र में इस बात का भी जिक्र है कि शौचालय नहीं होने से वह इस बार अपनी दीपावली मायके में मनाएंगी. कुछ महिलाएं तो मायके चली भी गई हैं.
महिलाओं के आंदोलन ने असर दिखाना भी शुरू कर दिया है. कुछ पतियों ने आनन-फानन में शौचलय का निर्माण करवाना शुरू कर दिया है.
| Tweet |