झारखंड में जरूरतमंदों, असहायों के लिए आशा की किरण बनी 'बी सी सखी'

Last Updated 21 Apr 2020 11:30:28 AM IST

झारखंड राज्य ग्रामीण बैंक से जुड़ी सखी मंडल की बैंकिंग करेस्पान्डेंट सखी जयंती कुमार विश्वास कहती हैं कि रोजाना करीब 50 हजार से एक लाख रुपये का ट्रांजेक्शन हो जाता है।


आजकल लोगों की कतार लंबी रहती है। इस दौर में अब तक करीब 600 से ज्यादा लोग प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना का पैसा निकाल चुके हैं और लगातार लोग बैंकिंग सुविधाओं के लिए मेरे पास आ रहे हैं। सोशल डिस्टेंसिंग एवं हैंड वांशिंग का पूरा ख्याल मैं रखती हूं और लोगों को जागरुक भी करती हूं।

उन्हें इस बात का संतोष भी है कि इस मुश्किल समय में वह जरुरतमंद माताओं एवं भाइयों की पेंशन एवं गरीब कल्याण का पैसा घर बैठे उपलब्ध करा रही हैं।

जयंती झारखंड की राजधानी रांची से करीब 400 किलोमीटर दूर पाकुड़ के हिरणपुर प्रखण्ड के बिपतपुर गांव में बैंकिंग कार्यों के लिए लोगों की इकलौती उम्मीद हैं।

जयंती जैसी 1463 'बैंकिंग करेस्पन्डेंट' सखी आज झारखंड के सुदूर गांवों में बैंकिंग सेवाओं के लिए लोगों की उम्मीद बनकर दिन रात मेहनत कर रही हैं। ये महिलाएं आपदा की इस घड़ी में हर नियम का पालन करते हुए जरुरतमंदों को पेंशन, नकद, निकासी एवं अन्य बैंकिंग सुविधाएं ग्रामीण लोगों को उपलब्ध करा रही हैं।

कोरोना वायरस जनित महामारी से आज पूरा देश एक अनवरत जंग लड़ रहा है। झारखण्ड राज्य के ग्रामीण प्रखंडों में सखी मंडल की महिलाएं 'कोरोना वॉरियर्स' के रूप में काम कर रहीं हैं। जिला प्रशासन के साथ मिलकर मास्क एवं सैनीटाईजर निर्माण का कार्य हो या मुख्यमंत्री दीदी किचन का संचालन, सखी मंडल की सक्रिय भागीदारी से राज्य में राहत एवं जागरूकता की गति लगातार बनी हुई है।

झारखंड स्टेट लाइवलीहुड प्रोमोशन सोसाइटी (जेएसएलपीएस) के तहत गठित बैंकिंग कोरेस्पोंडेंट सखी (बी़सी़सखी) ग्रामीण क्षेत्रों में इस मुश्किल समय में भी सुलभ और सुरक्षित बैंकिंग सेवाएं उपलब्ध करा रही हैं।

रांची से सटे खूंटी जिले के रनिया प्रखण्ड के जयपुर गांव की गायत्री देवी बैंकिंग कोरेस्पोंडेंट सखी के तौर पर कार्यरत है। लॉकडाउन की स्थिति के चलते आवागमन पर पूरी तरह से रोक लगने के बाद भी गायत्री देवी की मदद से उनके गांव के लोग जरूरत के अनुसार आसानी से बैंकिंग सेवाओं का लाभ उठा पा रहें हैं। लॉक-डाउन के पश्चात अब तक गायत्री देवी ने 772 ग्रामीणों को बी़सी़सखी के तौर पर सेवाएं प्रदान कर चुकी हैं।

जेएसएलपीएस के मुख्य कार्यकारी अधिकारी राजीव कुमार ने आईएएनरएस को बताया कि 23 मार्च के बाद अब तक कुल 4 लाख 34 हजार से भी ज्यादा लोगों ने बी़. सी़ सखी के जरिये अपने गांव, पंचायतों में रहते हुए बैंकिंग सेवाएं प्राप्त की हैं। इसके अलावा जन-धन खाता-धारक प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के अंतर्गत मिलने वाली सहायता राशि की निकासी भी बी़सी़ सखी माध्यम से आसानी से कर पा रहें हैं।

खूंटी जिले के रनिया जिले के जयपुर डाड़टोली गांव की 70 वर्षीय पा कन्दुलना ने अपने तीन माह की वृद्घा पेंशन एवं जन-धन खाते के अंतर्गत मिलने वाली धन-राशि बी. सी़ सखी गायत्री देवी के माध्यम से प्राप्त की।

वे अपने बारे में बताते हुए आईएएनएस से कहती हैं, "चलने-फिरने में कठिनाई होने के कारण मुझे घर बैठे ही बी. सी सखी के माध्यम से बैंकिंग सेवाएं आसानी से प्राप्त हो जाती हैं। अपनी पेंशन और जन-धन खाते के अंतर्गत सहायता राशि के रूप में मैंने 3500 रूपए निकासी की है जिससे मुझे इस मुश्किल समय में भी अब परेशानी का सामना नहीं करना पड़ेगा।"

ग्रामीणों तक बैंकिंग सेवाएं पहुंचाने के साथ-साथ बी सी सखी 'कोरोना वॉरियर' के रूप में लोगों को सुरक्षा नियमों के पालन के लिए प्रेरित एवं जागरूक भी कर रहीं हैं।

रांची जिले के रातू प्रखंड के हिसरी गांव की बी़ सी़ सखी पुष्पा देवी इस बात का विशेष ध्यान देती हैं कि उनके सेंटर पर आने वाले ग्राहक आपस में सामाजिक दूरी का कड़ाई से पालन करें। साथ ही वे लोगों को मुंह-नाक ढंककर एवं सेंटर में आने से पहले हाथ धुल कर आने के भी निर्देश देती हैं।

राज्य में अकेले सखी मंडल की बी सी सखियों ने करीब 4.34 लाख लोगों को सेवाएं दी हैं। करीब 63 करोड़ रुपये का ट्रांजेक्शन ग्रामीण इलाकों में इन बीसी सखी दीदियों ने किया है।

आईएएनएस
रांची


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