झारखंड में सिगरेट, बीड़ी, पान-मसाला, खैनी व गुटका पर प्रतिबंध

Last Updated 22 Apr 2020 05:30:12 PM IST

झारखंड सरकार ने राज्य में सिगरेट, बीड़ी, पान-मसाला, हुक्का, खैनी, जर्दा, गुटका और ई-सिगरेट के उपयोग पर पूर्ण प्रतिबंध लगाते हुए तमाम तंबाकू उत्पादों की बिक्री पर भी प्रतिबंध लगा दिया है।


स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के प्रधान सचिव डॉ.नितिन मदन कुलकर्णी ने बुधवार को एक आदेश जारी करते हुए पूरे राज्य में सार्वजानिक जगहों पर सभी तरह के तंबाकू उत्पादों- सिगरेट, बीड़ी, पान-मसाला, हुक्का, खैनी, जर्दा, गुटका और ई-सिगरेट के उपयोग पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया है। इसके साथ ही तमाम तम्बाकू उत्पादों की बिक्री पर भी प्रतिबंध लगा दिया है।

डॉ. कुलकर्णी ने बताया, "पान-मसाला, खैनी, जर्दा और गुटका खाकर यहां-वहां थूकने से कोरोनावायरस फैलने का खतरा बढ़ता है, यही कारण है कि सार्वजानिक जगहों पर तंबाकू के पदार्थो के सेवन पर प्रतिबंध लगाया गया है।"

स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव ने बताया कि तंबाकू का सेवन करना इस समय जनस्वास्थ्य के लिए बड़े खतरों में से एक है। थूकने से कोरोनावायरस आसानी से फैल सकता है, क्योंकि तंबाकू का सेवन करने वाले लोग यहां-वहां थूकते हैं। इससे कई गंभीर बीमारी जैसे कोरोना, इंसेफ्लाइटिस, स्वाइन फ्लू आदि का संक्रमण फैलने की आशंका रहती है।

उन्होंने कहा कि सभी जिलों के उपायुक्तों एवं पुलिस अधीक्षकों को इस आदेश का पालन करवाने एवं उल्लंघन होने पर कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया है। साथ ही सभी सरकारी, गैर सरकारी परिसरों में इस बारे में बोर्ड लगवाने के भी निर्देश दिए गए हैं।

राज्य में सभी सरकारी, गैर सरकारी कार्यालय एवं परिसर में तंबाकू सेवन पर प्रतिबंध लगाते हुए इन्हें तंबाकू मुक्त क्षेत्र घोषित किया जा चुका है।

झारखंड में तंबाकू नियंत्रण के लिए राज्य सरकार की तकनीकी सहयोग संस्थान सोशियो इकोनॉमिक एंड एजुकेशनल डेवलेपमेंट सोसाइटी (सीड्स) के कार्यपालक निदेशक दीपक मिश्र ने स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी इस आदेश का स्वागत किया है और उम्मीद जताई है कि इससे राज्य में तम्बाकू सेवन में भी कमी आएगी। साथ ही कोरोना जैसी महामारी फैलने का खतरा भी कम होगा।

मिश्र ने बताया कि हाल ही में विश्व स्वास्थ्य संगठन और भारत सरकार द्वारा प्रकाशित जीएटीएस 2 के सर्वे की रिपोर्ट के मुताबिक, झारखंड में तंबाकू सेवन करने वालों में कमी आई है। यह आंकड़ा विगत 7-8 साल में 50 1 प्रतिशत से घटकर 38.9 प्रतिशत हो गया है, जिसमें चबानेवाले तंबाकू का सेवन करने वालों का प्रतिशत 34.5 है।
 

आईएएनएस
रांची


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