चुनावी सभाओं में भीड़ जुटाने का साधन नहीं SHG की महिलाएं : हेमंत

Last Updated 23 Nov 2019 12:04:38 PM IST

झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) एवं उसके कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन ने हटिया विधानसभा क्षेत्र के कूटे गांव की जीविका संवर्धन सोसाइटी (जेएसएलपीएस) से जुड़ी महिलाओं के सभाओं में जबरन ले जाए जाने के आरोप को लेकर रघुवर सरकार पर हमला बोला।


झामुमो के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन (फाइल फोटो)

झामुमो ने माइक्रो ब्लॉगिंग साइट ट्विटर पर कूटे गांव की जेएसएलपीएस से जुड़ी महिलाओं की मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी (सीईओ) को लिखे पत्र को पोस्ट किया और कहा, ‘‘झारखंड के सीईओ से आग्रह है कि इस पत्र की गंभीरता के आलोक में विचार करने के बाद उचित मार्गदर्शन तथा कार्यवाई करना सुनिश्चित करें। ’’


झामुमो ने कहा, ‘‘धनबल की राजनीति में निपुण भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और झारखंड के मुख्यमंत्री रघुवर दास के नेतृत्व वाली सरकार ऐसा कोई मौका नहीं छोड़ रही जिससे लोकतंत्र के इस पर्व को लोग भयमुक्त होकर मनाया जा सके।’’

 

वहीं, झामुमो के कार्यकारी अध्यक्ष एवं विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष हेमंत सोरेन ने भी ट्विटर पर इस पत्र को पोस्ट किया और कहा, ‘‘स्वयं सहायता समूह से जुड़कर राज्य की 20 लाख महिलाएं अपने भविष्य को संवारने का स्वत: प्रयास कर रही हैं। उन्हें नीरस राजनीतिक सभाओं में भीड़ जुटाने का साधन समझने की गलती नहीं होनी चाहिए।’’

सोरेन ने कहा कि गांव या प्रखंड में स्वयं सहायता समूह की बैठकों में खाने के लिए ढेला भी नहीं। वहीं, रांची में झारखंड राज्य जीविका संवर्धन सोसाइटी (जेएसएलपीएस) के अधिकारी 1100-1200 की थाली चट कर जा रहे हैं।

झामुमो के कार्यकारी अध्यक्ष ने कहा, ‘‘झारखंड भाजपा के नेताओं ने यदि काम किया होता तो भीड़ जुटाने के लिए यह मशक्कत करनी ही नहीं पड़ती। ये दीदी लोग खुद ही आशीर्वाद देने को आती, पर.. आ रहा हूं, जल्द हिसाब होगा..।’’

वहीं, झारखंड महिला मोर्चा ने ट्वीट कर कहा कि प्रधानमंत्री से मुख्यमंत्री तक के प्रत्येक भीड़ जुटाओ कार्यक्रम में समूह की बहनों को बसों में भाजपा और प्रशासन द्वारा लाया जाता है। मुख्यमंत्री रघुवर दास के नेतृत्व वाली सरकार ने समूह की बहनों को ठगी के सिवा कुछ दिया नहीं। स्वरोजगार के नाम पर इस सरकार के करोड़ो के बंदरबांट पर झामुमो  जरूर पर्दाफाश करेगा।

गौरतलब है कि झामुमो और श्री सोरेन द्वारा कूटे गांव की जेएसएलपीएस की महिलाओं की ट्विटर पर पोस्ट की गई चिट्ठी में सीईसी विनय कुमार चौबे को कहा गया है, ‘‘हमलोग कूटे गांव में रहते हैं और जेएसएलपीएस के सदस्य हैं। कल 22 नवंबर को हुई रैली में जाने के लिए भाजपा के उम्मीदवार नवीन जायसवाल दबाव बना रहे हैं और नहीं जाने पर 500 रुपये जुर्माना देने की बात कही जा रही है। हमलोगों को पूर्व में 500 रुपये का जुर्माना देना पड़ा था।’’

महिलाओं ने पत्र में सीईओ चौबे से सुरक्षा की गुहार लगाते हुए कहा गया है, ‘‘कृपया जोर-जबरदस्ती से हमें बचाया जाए। यह आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन भी है।’’
 

 

वार्ता
रांची


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