केंद्र में सत्ता की चाबी है गुजरात की वलसाड लोकसभा सीट?

Last Updated 29 Apr 2014 03:43:56 PM IST

दक्षिण गुजरात के वलसाड लोकसभा सीट का चुनावी इतिहास रहा है कि जिस राजनीतिक दल ने यह सीट जीती है केंद्र में उसी की सरकार बनी है.


Valsad constituency

गुजरात की 26 लोकसभा सीटों में से एक वलसाड इस संयोग की वजह से राजनीतिक दलों में शुभ और बेहद महत्वपूर्ण मानी जाती है. स्थानीय नेताओं को लगता है कि इस सीट पर जीत दिल्ली में सत्ता की राह बनाती है.

पिछले रिकार्ड से यह बात पुख्ता होती है. 1996 में भाजपा ने पहली बार यह सीट जीती थी, तब केंद्र में अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व में भाजपा की सरकार बनी थी. हालांकि सरकार केवल 13 दिन ही चल पायी.

वाजपेयी दोबारा 1998 और फिर 1999 में प्रधानमंत्री बने. दोनों ही बार लोकसभा चुनावों में भाजपा ने वलसाड सीट पर जीत दर्ज की.

इसके बाद 2004 के 14 वें लोकसभा चुनावों में कांग्रेस ने भाजपा से यह सीट छीन ली और तब केंद्र में कांग्रेस नीत संप्रग सरकार का गठन हुआ. इस सीट से कांग्रेस के किशन पटेल ने चुनाव जीता था. 2009 के 15 वें लोकसभा चुनावों में निवर्तमान सांसद पटेल दोबारा सीट से निर्वाचित हुए और केंद्र में दोबारा कांग्रेस की सरकार बनी.

सीट के साथ जुड़े इस संयोग को देखते हुए भाजपा ने इस बार गुजरात के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री डॉ. केसी पटेल को चुनावी मैदान में उतारा है जबकि कांग्रेस ने दो बार के सांसद किशन पटेल को एक बार फिर टिकट दिया है.

1977 के बाद से हुए 10 आम चुनावों में कांग्रेस ने पांच बार वलसाड सीट जीती, भाजपा तीन बार यहां विजयी रही जबकि दो बार सीट अन्य दल के उम्मीदवारों के खाते में गयी.



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