नक्सलियों ने जारी की चिट्ठी, मीडिया को निशाना बनाना हमारा उद्देश्य नहीं
छत्तीसगढ़ में माओवादियों ने कथित रूप से पर्चा जारी कर दंतेवाड़ा नक्सली हमले की जिम्मेदारी ली है और इस घटना में एक मीडियाकर्मी के मारे जाने पर दुख जताया है।
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दंतेवाड़ा जिला में नक्सलियों की दरभा डिवीजनल कमेटी ने कथित रूप से पर्चा जारी कर नीलावाया गांव में पुलिस दल पर हमले की जिम्मेदारी ली है। इस हमले में तीन पुलिसकर्मियों और दूरदर्शन के कैमरामैन अच्युतानंद साहू की मौत हो गई थी।
दरभा डिवीजनल कमेटी के सचिव साईनाथ की ओर से जारी बयान के अनुसार, उस पर्चे में कहा गया है कि 30 अक्टूबर को नीलावाया गांव में घात लगाकर किए गए हमले के दौरान दूरदर्शन की टीम भी वहां फंस गई थी। इस हमले में कैमरामैन साहू की मौत दुख की बात है। हम जानबूझकर पत्रकारों को नहीं मारेंगे। पत्रकार हमारे दुश्मन नहीं, हमारे मित्र हैं।
उन्होंने अपील की है कि संघर्ष वाले इलाकों में पत्रकार और कर्मचारी, पुलिस के साथ न आएं।
पर्चा में राज्य में हो रहे विधानसभा चुनाव का विरोध करने की भी बात कही गई है।
वहीं, पर्चा मिलने को लेकर राज्य के नक्सल विरोधी अभियान के विशेष पुलिस महानिदेशक डीएम अवस्थी ने बताया कि उन्होंने इस पर्चा की सत्यता की जांच के लिए कहा है।
अवस्थी ने कहा कि यदि नक्सलियों को पत्रकारों पर हमला नहीं करना था तब साहू के हाथ में कैमरा होने के बावजूद उन पर हमला क्यों किया गया और बाद में उनका कैमरा भी लूट लिया गया। साथ ही अन्य पत्रकारों पर भी हमला किया गया।
पुलिस अधिकारी ने यह भी सवाल किया कि पुलिस ने क्या किया है। उन्हें क्यों मारा गया। वहां सड़क निर्माण और विकास कार्य हो रहा है। इसका नक्सली विरोध कर रहे हैं।
छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित दंतेवाड़ा जिले के अरनपुर थाना क्षेत्र के अंतर्गत नीलावाया गांव में 30 अक्टूबर को नक्सलियों ने पुलिस दल पर हमला कर दिया था। इस हमले में उपनिरीक्षक रुद्र प्रताप सिंह, सहायक आरक्षक मंगलु और राकेश कौशल शहीद हो गए और दूरदर्शन के कैमरामैन अच्युतानंद साहू की मौत हो गई।
नक्सलियों का यह कथित पर्चा उस समय आया है जब पत्रकार पर नक्सली हमले का देश भर में विरोध हो रहा है।
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