बिहार के सारण में जहरीली शराब पीने से पांच की मौत, भाजपा विधायकों का विधानसभा के बाहर विरोध प्रदर्शन
बिहार के सारण जिले में जहरीली शराब पीने से सात लोगों की मौत हो गई, जबकि कई लोगों की आंखों की रोशनी चली गई। ये मौतें मंगलवार रात से बुधवार सुबह तक हुई हैं।
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परिवार के सदस्यों ने दावा किया है कि मंगलवार को दोपहर में शराब पीने के बाद शाम को पीड़ितों की तबीयत बिगड़ने लगी।
घटना से गुस्साए आसपास के इलाकों के ग्रामीणों ने हाईवे 73 और 90 को जाम कर दिया और मुआवजे के साथ-साथ नकली शराब बेचने वाले आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग की।
हालांकि, जिला प्रशासन के अधिकारियों ने कहा कि अभी तक मौत के कारणों का पता नहीं चल पाया है।
शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है और नतीजों का इंतजार है।
अधिकारी उन लोगों के बयान भी दर्ज कर रहे हैं जो कथित तौर पर जहरीली शराब पीने से बीमार पड़ गए और सदर अस्पताल छपरा और अन्य निजी अस्पतालों में भर्ती है।
इससे पहले अगस्त में सारण जिले के मसरख और मरौरा गांव में जहरीली शराब पीने से 13 लोगों की जान चली गई थी।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधायकों ने घटना को लेकर विधानसभा के बाहर विरोध प्रदर्शन किया। उन्होंने इस घटना में हुई मौतों के लिए पुलिस और अवैध शराब कारोबारियों की “साठगांठ” को जिम्मेदार ठहराया।
पूर्व उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद ने कहा, “हमने हमेशा शराब पर प्रतिबंध का समर्थन किया है, तब भी जब हमारे विपक्ष में रहते प्रतिबंध का प्रस्ताव पेश किया गया था। लेकिन इसका कार्यान्वयन पूरी तरह से विफल रहा।”
नीतीश कुमार की सरकार ने अप्रैल 2016 में बिहार में शराब की बिक्री और सेवन पर प्रतिबंध लगा दिया था।
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, इस साल जनवरी से नवंबर तक बिहार में जहरीली शराब से 173 लोगों की मौत हुई है।
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