बिहार : बाढ़ प्रभावित सभी परिवारों को मिलेगी 6-6 हजार रुपये की सहायता

Last Updated 25 Jul 2020 08:32:02 PM IST

बिहार के सभी बाढ़ प्रभावित परिवारों को छह-छह हजार रुपये की आर्थिक सहायता दी जाएगी। इसके लिए लिए सूची को बनाने का निर्देश दिया गया है। इसके साथ ही बाढ़ का पानी कम होने के बाद कृषि विभाग फसलों व बिचड़ों के नुकसान का सर्वेक्षण करेगा।


नुकसान की भरपाई के लिए कृषि इनपुट अनुदान के साथ ही मृत मवेशियों व कच्चे मकानों की क्षति के लिए भी राशि दी जाएगी।

बिहार के उपमुख्यमंत्री और भाजपा के नेता सुशील कुमार मोदी शनिवार को सीतामढ़ी, शिवहर और दरभंगा जिले के बाढ़ प्रभावित प्रखंडों के भाजपा अध्यक्षों व विधायकों से वीडियो कन्फ्रेंसिंग के जरिए बाढ़ की स्थिति की समीक्षा करते हुए कहा कि सरकार की ओर से सभी बाढ़ प्रभावित परिवारों को छह-छह हजार रुपये की सहायता राशि दी जाएगी, इसके लिए सूची को अद्यतन करने का निर्देश दिया गया है।

उन्होंने कहा, "कृषि विभाग फसलों व बिचड़ों के नुकसान का भी सर्वेक्षण करेगा तथा इसकी भरपाई के लिए कृषि इनपुट अनुदान के साथ ही मृत मवेशियों व कच्चे मकानों की क्षति के लिए भी राशि दी जाएगी।"

मोदी ने कहा कि आकलन के बाद यदि आवश्यकता होगी तो वर्षा आधारित फसल क्षेत्र के लिए 6,800 रुपये और सुनिश्चित सिंचाई वाले क्षेत्रों के लिए 13,500 रुपये प्रति हेक्टेयर की दर से अधिकतम दो हेक्टेयर के लिए कृषि इनपुट अनुदान दिया जाएगा।

इसके साथ ही बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में कच्चे मकानों के क्षतिग्रस्त होने पर 95,100 और झोपड़ी के लिए 4,100 रुपये, गाय, भैंस, बैल जैसे बड़े मवेशी के मरने पर 30 हजार व भेड़, बकरी आदि के लिए 3 हजार रुपये देने का प्रावधान किया गया है।

उन्होंने दावा करते हुए कहा, "बाढ़ पीड़ित क्षेत्रों में पर्याप्त मात्रा में सर्पदंश सहित अन्य दवाएं व पॉलीथिन शीट उपलब्ध हैं, जिसका आवश्यकता अनुसार वितरण किया जा रहा है। राज्य सरकार के निर्देश पर दरभंगा सहित अन्य इलाकों में हेलीकॉप्टर से फुड पॉकेट का वितरण व बड़ी संख्या में सामुदायिक रसोई भी चलाए जा रहे हैं।"

समीक्षा के दौरान प्रखंड अध्यक्षों व विधायकों ने बताया कि स्थानीय प्रशासन तत्पर है लेकिन बाढ़ की वजह से फसलों के नुकसान के साथ धान के करीब 80 फीसद बिचड़े नष्ट हो गए हैं। सड़कों के क्षतिग्रस्त होने से अनेक क्षेत्रों में आवागमन बाधित हो गया है। भाजपा नेताओं ने और अधिक नावों की आवश्यकता पर जोर दिया।
 

आईएएनएस
पटना


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