लालू से राजनीतिक मतभेद, व्यक्तिगत नहीं : नीतीश

Last Updated 16 Jan 2019 03:25:00 AM IST

आने वाले लोकसभा चुनाव को लेकर देश में सियासी हलचल तेज हो गयी है। सभी राजनीतिक दलों ने कमर कस ली है। चाहे कांग्रेस हो या भाजपा हो या फिर क्षेत्रीय दल, सभी ने जनता को अपनी तरफ आकषिर्त करने की कवायद शुरू कर दी है।


बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (फाइल फोटो)

ऐसे में 40 लोकसभा सीटों वाला बिहार इस वर्ष होने वाले लोकसभा चुनाव में अहम भूमिका निभाने जा रहा है। एक तरफ जहां नीतीश कुमार का साथ मिलने से एनडीए के हौसले बुलंद हैं, वहीं तेजस्वी यादव महागठबंधन के साथ जीत के दावे कर रहे हैं।

एक टीवी चैनल के कार्यक्रम में मंगलवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव से हमारा राजनीतिक मतभेद हो सकता है, लेकिन व्यक्तिगत तौर पर कोई मतभेद नहीं है। हमने आरजेडी का साथ इसलिए छोड़ा, क्योंकि उसका काम करने का तरीका गलत था। लालू परिवार के कामकाज के तरीके से हमें आपत्ति थी। हालांकि मैंने पहले ही कह दिया था कि गठबंधन ज्यादा दिनों तक नहीं चलेगा और ऐसा ही हुआ।

राजद दबाव में काम करवाना चाहती थी। जब हमने कहा कि मामले को समझा दीजिये, तो उन्होंने इससे इनकार कर दिया। सरकार का काम ठीक ढंग से करने देते, तो हमें बाहर जाने की जरूरत नहीं पड़ती। उन्होंने कहा कि राजद के साथ बिहार सरकार में काम करते हुए मेरे बारे में बहुत कुछ उल्टा सीधा कहा गया और मीडिया में जबर्दस्त तरीके से मेरे खिलाफ दुष्प्रचार किया गया।

इसके बाद हमें अलग होने का फैसला लेना पड़ा। हमने गठबंधन इसलिए किया, क्योंकि राजद ने पहले ही इसका एलान कर दिया। ऐलान करने की मजबूरी के चलते हमने सरकार में साथ आने का फैसला लिया, जो ज्यादा लंबा नहीं चला। मैंने पहले इस्तीफा दिया और इसके बाद बीजेपी की तरफ से गठबंधन का ऑफर मिला था। सीएम ने कहा कि पटना में 2005 में शाम ढलने के बाद कोई घर से बाहर निकलता था क्या? आज क्राइम का रेट इतना कम हो गया है कि हर छोटी-बड़ी घटना की रिपोर्ट होती है। बिहार में अपराधियों के साथ कोई समझौता नहीं किया जाएगा और इसका असर है कि राज्य में क्राइम रेट लगातार घटा है।

उन्होंने कहा कि राम मंदिर पर जो मेरा स्टैंड पहले था वो अब भी है। राम मंदिर का फैसला आपसी सहमति या कोर्ट के जरिये होना चाहिये। कश्मीर के लिए धारा 370 पर मेरा वही स्टैंड है, जो पहले था। आज तक तीन चीजों से मैंने कोई समझौता नही किया।़ क्राइम, करप्सन और कम्यूनलिज्म, चाहे गठबंधन कोई भी हो। वो रहे या नही।  उन्होंने कहा कि एनडीए के नेता नरेंद्र मोदी ही हैं। लोकसभा का चुनाव एनडीए उनके नेतृत्व में चुनाव लड़ेगा।

शराबबंदी से बिहार को फायदा हुआ है, बाल विवाह, दहेज प्रथा के खिलाफ सरकार ने अभियान चलाया है। जिसका नतीजा आने वाले चुनावों में देखने को मिलेगा। विपक्ष में इस समय घबराहट है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हम चाहते हैं पूरे देश में शराबबंदी लागू हो। बिहार में चुनावी कैम्पेन के समय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और एलजेपी दोनों के साथ की जरूरत होगी, क्योंकि बिहार में हमारा गठबंधन है। देश के भावी पीएम नरेंद्र मोदी हैं। केंद्रीय राजनीति में जाने का फिर मेरा कोई विचार नहीं है। मुझे बिहार को संभालने का जिम्मा मिला हुआ है और इसे मैं आगे भी जारी रखूंगा।

मैं आरएसएस के विचारों से सहमत नहीं
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने यहां मंगलवार को कहा कि वह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के विचारों से सहमत नहीं हैं, लेकिन उसके नियमित रूप से काम करने का प्रशंसक हैं। उन्होंने दावा किया कि बिहार में आपराधिक घटनाओं में कमी आई है और राज्य में न्याय के साथ विकास हो रहा है। पटना में एक निजी समाचार चैनल के कार्यक्रम में नीतीश ने कहा कि आरएसएस के आठ हिस्सों में से एक ही हिस्सा दिखता है। उन्होंने स्पष्ट कहा कि आरएसएस के विचारों से वह सहमत नहीं हैं, लेकिन पूरे देश में आरएसएस का जनाधार बढ़ा है, इससे इनकार नहीं किया जा सकता।
 

सहारा न्यूज ब्यूरो
पटना


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