भागलपुर विश्वविद्यालय की सीनेट ने तोमर की डिग्री रद्द की

Last Updated 20 Mar 2017 07:31:43 PM IST

बिहार के तिलका मांझी भागलपुर विश्वविद्यालय की सीनेट ने दिल्ली के पूर्व विधिमंत्री जितेंद्र सिंह तोमर की विधि की डिग्री रद्द किए जाने को सोमवार को ध्वनिमत से पारित कर दिया.


दिल्ली के पूर्व विधिमंत्री जितेंद्र सिंह तोमर (फाइल फोटो)

तिलका मांझी भागलपुर विश्विद्यालय के कुलपति खेमेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि सोमवार को संपन्न विश्वविद्यालय सीनेट की बैठक में तोमर की विधि की डिग्री रद्द किए जाने को ध्वनिमत से पारित कर दिया गया.
    
अरविंद केजरीवाल नीत दिल्ली की सरकार में विधि मंत्री रहे आम आदमी पार्टी के नेता तोमर को इस मामले में वर्ष 2015 में गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था जो बाद में जमानत पर रिहा हो पाए थे. इस मामले के राष्ट्रीय स्तर चर्चित हो जाने के कारण तोमर को मंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा था.
    
मामले की जांच के क्रम में पाया गया कि तोमर का स्थानांतरण प्रमाणपत्र गलत था. तोमर ने विनाथ कालेज में शैक्षणिक सत्र 1994-95 में संदेहास्पद नामांकन के आधार पर विधि की डिग्री हासिल की थी. उन्होंने 1998.99 में विधि की परीक्षा पास करने का दावा किया था.
    
तिलका मांझी भागलपुर विश्विद्यालय के कुलपति खेमेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि गत वर्ष 03 दिसंबर को विश्वविद्यालय सिंडिकेट द्वारा तोमर की डिग्री रद्द किए जाने की गयी अनुशंसा को कुलाधिपति सह राज्यपाल राम नाथ कोविंद को भेजा गया था जिसपर उन्होंने इस मामले को सीनेट के समक्ष रखे जाने का निर्देश दिया था.


    
विश्वविद्यालय सिंडिकेट ने इस मामले में परीक्षा समिति के निर्णय को स्वीकार करते हुए तोमर की विधि संकाय की डिग्री रद्द किए जाने की अनुशंसा की थी.
    
सिंडिकेट ने इस मामले में विश्विद्यालय के 14 कर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की भी अनुशंसा की है जिनमें सात सेवानिवृत्त हो चुके हैं और इनमें से एक की मृत्यु हो चुकी है.
    
इस मामले में जिन विश्वविद्यालय कर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की अनुशंसा की गयी है उनमें व्याख्याता जनार्दन यादव और मुंगेर जिला विश्वनाथ विधि महाविद्यालय के परीक्षा विभाग के मुख्य लिपिक कृष्णानंद सिंह शामिल हैं.

भाषा


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