'प्रोजेरिया' पीड़ित श्रेयस बना एक दिन का बाल आयोग अध्यक्ष!
मध्य प्रदेश बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने लाइलाज बीमारी 'प्रोजेरिया से पीड़ित श्रेयस बारमाटे को एक दिन के लिए आयोग का अध्यक्ष घोषित किया.
श्रेयस बारमाटे बना बाल आयेग का चेयरमैन |
अब तक हमने सिर्फ फिल्मों में ही एक दिन का मुख्यमंत्री बनते देखा है, मगर मध्यप्रदेश में 'प्रोजेरिया' पीड़ित 10 वर्षीय श्रेयस बारमाटे एक दिन के लिए बाल अधिकार संरक्षण आयोग का अध्यक्ष बना. वह पूरे दिन लालबत्ती वाली गाड़ी में घूमा, कार्यक्रम के मंच पर आसीन हुआ और कई अहम फैसले भी लिए. प्रोजेरिया बीमारी अमिताभ बच्चन की फिल्म 'पा' से चर्चाओं में आई थी. माना जाता है कि कई हजार बच्चों में से एक को यह बीमारी होती है. जबलपुर के श्रेयस (10) इसी बीमारी से पीड़ित है, वह पांचवीं में पढ़ता है, उस पर इस बीमारी का कोई खौफ नहीं है, उसकी यही जिंदादिली हर किसी को लुभाती है. बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष राघवेंद्र शर्मा भी उससे प्रभावित हुए बिना नहीं रहे.
शर्मा ने संवाददाताओं को बताया कि लगभग चार माह पहले वह जब जबलपुर गए, तब उन्हें श्रेयस के बारे में पता चला. 'पा' फिल्म उन्होंने देखी थी, इसलिए वह भी इसे गंभीर बीमारी मानते थे. जब वह श्रेयस से मिले तो उनका नजरिया ही बदल गया. श्रेयस से उन्होंने उसकी इच्छा जानी तो उसका जवाब मिला कि वह उनके (शर्मा) जैसा बनना चाहता है.
शर्मा के मुताबिक, श्रेयस की इच्छा पूरा करने के लिए उन्होंने 24 मार्च का दिन चुना, क्योंकि इस दिन आयोग का बड़ा कार्यक्रम था. इस दिन श्रेयस को एक दिन का अध्यक्ष बनाया गया.
श्रेयस के रूप में अध्यक्ष लालबत्ती की गाड़ी में घूमे, कार्यक्रम के मंच पर आसीन हुए और निर्देश भी दिए. इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी पहुंचे.
श्रेयस ने संवाददाताओं से कहा कि एक दिन का अध्यक्ष बनकर वह बहुत खुश है, वह चाहता है कि 'दिव्यांग' बच्चों को उनकी अभिरुचि को महत्व देते हुए प्रोत्साहित किया जाए.
शर्मा का कहना है, 'श्रेयस जैसे बच्चों को बेचारा बताने की नहीं, बल्कि समाज की ओर से उन्हें सहयोग किए जाने की जरूरत है. श्रेयस ने एक दिन के अध्यक्ष के तौर पर जिला स्तर पर इसी तरह के कार्यक्रम करने के निर्देश दिए हैं, जिस पर अमल किया जाएगा.'
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