‘प्रचंड मोदी लहर’ पर सवार भाजपा बढ रही 300 के पार

Last Updated 23 May 2019 10:39:37 PM IST

देश भर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ‘प्रचंड लहर’ पर सवार भारतीय जनता पार्टी राष्ट्रवाद, हिंदू गौरव और ‘नये भारत’ के मुद्दों पर लोकसभा चुनाव में ऐतिहासिक जीत दर्ज करके लगातार दूसरी बार केंद्र में सरकार बनाने जा रही है।


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ‘प्रचंड लहर’

जवाहरलाल नेहरू और इंदिरा गांधी के बाद मोदी देश के तीसरे और पहले गैर कांग्रेसी प्रधानमंत्री है जो लोकसभा में लगातार दूसरी बार पूर्ण बहुमत के साथ सरकार बनायेंगे। इसके साथ ही उन्होंने दूसरी बार इस धारणा को धराशाही कर दिया कि केन्द्र की सत्ता में अब गठबंधन का दौर शायद ही खत्म हो।       

चुनाव आयोग द्वारा जारी मतगणना के आंकड़ों के अनुसार कांग्रेस के 50 सीटों तक ही सिमटने के ही आसार नजर आ रहे हैं। भाजपा की लहर इतनी प्रचंड थी कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी अपने परिवार के गढ अमेठी में स्मृति ईरानी से हार गए हालांकि वह केरल में वायनाड से जीत गए।          

इस चुनाव ने 68 बरस के नरेंद्र दामोदरदास मोदी को पिछले कई दशकों में सबसे लोकप्रिय नेता बना दिया। चुनाव आयोग द्वारा जारी मतगणना के आंशिक आंकड़ों के अनुसार भाजपा इस बार 2014 से बेहतर प्रदर्शन करके 300 का आंकड़ा पार करने जा रही है।       

मोदी ने देशवासियों को धन्यवाद देते हुए कहा, ‘‘आपने फकीर की झोली उम्मीदों से भर दी है। हमने नये भारत के निर्माण के लिये जनादेश मांगा था और लोगों ने हमें इसके लिये आशीर्वाद दिया है।’’      

उन्होंने भाजपा मुख्यालय में पार्टी अध्यक्ष अमित शाह के साथ खचाखच भरे कार्यकर्ताओं और समर्थकों को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘भारत में पहली बार मतदान का प्रतिशत इतना रहा है और अब दुनिया को भारतीय लोकतंत्र की ताकत को पहचानना होगा।’’      

उन्होंने यह भी कहा कि ‘मेरे जीवन का हर पल’ और ‘मेरे शरीर का हर कण’ देश की भलाई के लिये समर्पित है। उन्होंने विरोधी दलों से भी चुनाव अभियान की कटुता को भुलाने का आग्रह किया।       

उन्होंने कहा,‘‘हमें आगे बढना होगा। हमें सभी को साथ लेकर चलना होगा, विरोधियों को भी। हमें देश के हित में काम करना है।’’      

रात नौ बजे तक भाजपा ने 542 में से 115 सीटें जीत ली है और 188 सीटों पर आगे हैं। सात चरण में हुए मतदान में जनता ने विपक्षी गठबंधन को नकार दिया है और कांग्रेस पार्टी ने 27 सीटें जीती है जबकि सिर्फ 24 पर आगे है।

कांग्रेस का खाता 16 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में खुलता नहीं दिख रहा जिनमें दिल्ली, गुजरात, आंध्रप्रदेश, राजस्थान, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, अरूणाचल प्रदेश, ओडिशा, त्रिपुरा, मणिपुर, मिजोरम, दमन दीव, दादर नगर हवेली और चंडीगढ शामिल हैं।       

मोदी वाराणसी में चार लाख 79 हजार 505 वोट से जीत गए जबकि पार्टी अध्यक्ष अमित शाह गुजरात में गांधीनगर लोकसभा सीट पर साढे पांच लाख वोट से विजयी रहे हैं।       

मोदी ने ट्वीट किया, ‘‘सबका साथ, सबका विकास और सबका आत्मविास यानी विजयी भारत।’’      

उन्होंने कहा, ‘‘हम एक साथ विकास करेंगे और साथ मिलकर सशक्त और समावेशी भारत बनायेंगे। एक बार फिर भारत की जीत हुई।’’      

मतदान के आखिरी चरण में ‘अबकी बार 300 पार’ का भाजपा का नारा सही साबित होता दिख रहा है। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के ‘चौकीदार चोर है ’ के नारे का मतदाताओं पर कोई असर हुआ नहीं दिखता।       

इन नतीजों से गांधी के नेतृत्व और उनकी पार्टी के भविष्य पर भी सवाल उठने लगे हैं। एक प्रेस वार्ता में उन्होंने इन मसलों पर बात करने से इनकार करते हुए कहा कि पार्टी शुक्रवार को भविष्य को लेकर बैठक करेगी।      

गांधी ने कहा, ‘‘भारत के लोगों ने तय किया है कि नरेंद्र मोदी अगले प्रधानमंत्री होंगे और मैं उसका पूरा सम्मान करता हूं।’’

उन्होंने मोदी और भाजपा को बधाई देते हुए कहा कि आज का दिन हार के कारणों की पड़ताल करने का नहीं है बल्कि देशवासियों की इच्छा का सम्मान करने का है ।           

अंतिम नतीजों तक रूझान यही रहते हैं तो भाजपा और राष्ट्रीय लोकतांत्रिक गठबंधन में उसके सहयोगी 344 सीट जीत जायेंगे जबकि 2014 में उन्होंने 336 सीटें जीती थी। भाजपा ने पिछली बार खुद 282 सीटें जीती थी।       

मोदी और पार्टी कार्यकर्ताओं को बधाई देते हुए वित्त मंत्री अरूण जेटली ने कहा, ‘‘महत्वाकांक्षी भारत रजवाड़ों, वंशवाद और जातिगत राजनीति को स्वीकार नहीं करता।’’      

विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने ट्वीट किया, ‘‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी - भाजपा की इस बड़ी जीत के लिये बधाई। मैं लोगों की शुक्रगुजार हूं।’’      

यह नतीजे पिछले पांच साल में मोदी की लोकप्रियता, उनकी सरकार की उपलब्धियों और उनके चुनाव अभियान पर मुहर लगाते हैं। बालाकोट हवाई हमले के बाद भाजपा का पूरा चुनाव अभियान राष्ट्रीय सुरक्षा और हिंदूत्व पर केंद्रित था। उन्होंने वंशवादी राजनीति और देश की हालत के लिये कांग्रेस पार्टी को दोषी ठहराया।      
विरोधी दलों ने भाजपा के अभियान को धुव्रीकरण और तोड़ने वाली राजनीति से प्रेरित बताया था।       

इसके बावजूद रूझानों से तय हो गया कि देश भर में मोदी की लहर थी और पार्टी के शानदार चुनाव प्रबंधन ने भौगोलिक, जातिगत, उम्र, लिंग और आर्थिक स्थिति के तमाम बंधनों को तोड़ डाला।       

उत्तर प्रदेश जैसे राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण राज्य में समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी के गठबंधन से मिली चुनौती के बीच भाजपा 80 में से 62 सीटों पर आगे है। सपा छह और बसपा 11 सीटों पर आगे है। भाजपा ने पिछली बार उत्तर प्रदेश में 71 सीटें जीती थी लेकिन इस बार भी उसका प्रदर्शन तमाम एक्जिट पोल के अनुमानों से बेहतर है।       

भाजपा का लखनऊ स्थित प्रदेश मुख्यालय भगवा रंग में डूब गया है और गले में केसरिया पट्टी , गेंदे की माला पहने और हाथ में कमल का कटआउट लिये भाजपा कार्यकर्ता चहुंओर नजर आ रहे हैं।

उन्होंने पटाखे जलाये और नगाड़ों की थाप पर झूमते नजर आये। महिला कार्यकर्ताओं ने न सिर्फ भगवा परिधान पहने बल्कि नाखून भी उसी रंग में रंगे थे।      

दूसरी ओर कांग्रेस, बसपा और सपा कार्यालयों में मातमी सन्नाटा पसरा है। चिलचिलाती धूप में सपा कार्यालय के बाहर चुनाव सामग्री बेच रहे दुकानदार भी चुपचाप बैठे थे और चाय के खोमचों पर फुसफुसाहटें ही सुनाई दे रही है।       

कांग्रेस के प्रवक्ता जयवीर शेरगिल ने पत्रकारों से कहा, ‘‘कांग्रेस पार्टी निराश है और रूझान हमारी अपेक्षाओं के अनुरूप नहीं है। पूरी मतगणना होने तक मैं नतीजों पर नहीं जाऊंगा।’’      

मोदी लहर सिर्फ हिन्दीभाषी प्रदेशों और गुजरात में ही नहीं बल्कि पश्चिम बंगाल, ओडिशा, महाराष्ट्र और कर्नाटक में भी रही। केरल, तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश को यह छू नहीं सकी। तेलंगाना में भाजपा चार सीटों पर आगे है।      

आंध्र प्रदेश में विधानसभा चुनाव में चंद्रबाबू नायडू की तेलुगू देशम पार्टी हार रही है जबकि वायएसआर कांग्रेस के जगन मोहन रेड्डी बहुमत की ओर बढ रहे हैं।      
मध्यप्रदेश में भाजपा 29 में से 28 सीटों पर आगे है जबकि राजस्थान में यह 25 में से 24 सीटों पर आगे चल रही है।



छत्तीसगढ में भाजपा नौ और कांग्रेस दो सीटों पर आगे है। कांग्रेस नेता मल्लिकाजरुन खडगे कर्नाटक के कलबुर्गी से हार गए जबकि ज्योतिरादित्यंिसधिया गुना से पराजित हुए।       

हरियाणा में दस में से नौ सीटों पर रूझान भाजपा के पक्ष में है। ओडिशा में भाजपा 21 में से आठ सीटों पर आगे है।       

पश्चिम बंगाल में 42 में से 22 सीटों पर ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस आगे है जबकि भाजपा 19 सीटों पर आगे है। पिछले लोकसभा चुनाव में भाजपा ने यहां दो सीटें ही जीती थी जबकि कभी वामपंथ का गढ रहे राज्य से वाम दलों का सफाया हो गया था।      

तमिलनाडु में द्रमुक 20 सीटों पर और अन्नाद्रमुक दो सीटों पर आगे है। केरल में कांग्रेस नीत यूडीएफ 20 में से 18 सीटों पर आगे है।           

उल्लेखनीय है कि इस चुनाव में पंजीकृत 90.99 करोड़ मतदाताओं में से करीब 67.11 प्रतिशत लोगों ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया है। भारतीय संसदीय चुनाव में यह अब तक का सर्वाधिक मतदान प्रतिशत है।

भाषा
नयी दिल्ली


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