50 प्रतिशत वोटों का मिलान वीवीपैट से हो: नायडू

Last Updated 13 Apr 2019 03:53:39 PM IST

तेलुगू देशम पार्टी (तेदेपा) के प्रमुख और आन्ध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चन्द्रबाबू नायडू ने चुनाव आयोग पर पारदर्शी तरीके से काम नहीं करने का आरोप लगाते हुये शनिवार को यहां कहा कि उसे कम से कम 50 प्रतिशत मतों का वीवीपैट मशीन से मिलान करना चाहिए जिससे उसकी विश्वसनीयता बढ़ेगी।


आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू (फाइल फोटो)

नायडू ने एक प्रतिनिधिमंडल के साथ यहां चुनाव आयोग को ज्ञापन देने के बाद संवाददाताओं को बताया कि चुनाव आयोग ने वोटों का वीवीपैट मशीन से निकली पर्चियों का मिलान करने पर चुनाव परिणाम के आने में देर होने की बात कही है जो सही नहीं है। उन लोगों को भी पता है कि इस काम में कितना समय लगेगा।

उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग को प्रयोग के तौर पर वोट और वीवीपैट मशीन से मिलान का प्रदर्शन करना चाहिए ताकि यह पता चल सके कि उसमें कितना समय लगता है।

उन्होंने कहा कि उनकी आयोग के साथ लगभग डेढ़ घंटे तक बैठक हुयी और इस दौरान आयोग ने विभिन्न मुद्दों पर जो जानकारी दी उससे वह संतुष्ट नहीं हैं। वह अगले एक दो दिन तक राष्ट्रीय राजधानी में इन मुद्दों पर विपक्षी दलों के नेताओं के साथ विचार विमर्श करेंगे और चुनाव से संबंधित मुद्दों को राष्ट्रीय मुद्दा बनाने का प्रयास करेंगे। चुनाव प्रक्रिया को जटिल बनाया जा रहा है जबकि इसे सरल बनाने की जरूरत है।

नायडू ने आरोप लगाया कि केन्द्र सरकार चुनाव के कामकाज में दखल दे रही है, स्वायत्तशासी और लोकतांत्रिक संस्थाओं को नष्ट किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि आन्ध्र प्रदेश में चुनाव को लेकर तेदेपा ने आयोग से जो शिकायत की है उस पर कार्रवाई नहीं की गयी है।        

उन्होंने कहा कि आन्ध्र प्रदेश में चुनाव के दौरान बड़ी संख्या में इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों ने काम नहीं किया जिसके कारण देर से मतदान शुरू हुआ और समय की कमी के कारण काफी लोग वोट देने के अधिकार से वंचित रह गये। इन मामलों की जांच की जानी चाहिए कि ऐसा किस परिस्थिति में हुआ। उन्होंने कहा कि उनके राज्य में एक ऐसे अधिकारी को पर्यवेक्षक बना कर भेजा गया जिसका राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से संबंध है।

तेदेपा नेता ने कहा कि आन्ध्र प्रदेश में चुनाव प्रक्रिया के दौरान मुख्य सचिव और पुलिस अधीक्षकों को स्थानान्तरित किया गया। इन सब मुद्दों पर चुनाव आयोग ने जो कुछ कहा, उससे वह संतुष्ट नहीं हैं।
उन्होंने कहा कि अनेक वरिष्ठ पूर्व अधिकारियों ने भी चुनाव आयोग को पारदर्शी तरीके से काम नहीं करने को लेकर राष्ट्रपति को पत्र भी लिखा है।

वार्ता
नई दिल्ली


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