बजट सत्र में नोटबंदी को लेकर सरकार से भिड़ेगा विपक्ष
विपक्षी दलों ने पहली फरवरी को सरकार द्वारा आम बजट पेश करने की आलोचना करते हुए सोमवार को कहा कि वे संसद के बजट सत्र में नोटबंदी का मुद्दा उठाएंगे.
![]() (फाइल फोटो) |
संसद के बजट सत्र में नोटबंदी पर हंगामे के आसार दिख रहे हैं. चुनाव से पहले आम बजट नहीं पेश करने के अपने अनुरोध को ठुकराए जाने से नाराज विपक्षी दलों ने सोमवार को कहा कि वे संसद के बजट सत्र में नोटबंदी का मुद्दा उठाएंगे.
मंगलवार से शुरू हो रहे संसद के बजट सत्र के सुचारु संचालन के लिए सोमवार को संसद के ग्रंथालय भवन में सर्वदलीय बैठक हुई. इसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उम्मीद जताई कि विभिन्न दलों के बीच राजनीतिक मतभेदों के बावजूद संसद के बजट सत्र में शांतिपूर्ण चर्चा हो पाएगी.
केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री अनंत कुमार ने संवाददाताओं से कहा कि मोदी ने सर्वदलीय बैठक में सभी दलों से यह अपील की. कुमार ने कहा कि सभी पार्टियों ने स्वीकार किया कि शांतिपूर्ण बहस जरूरी है.
बजट को पांच राज्यों के चुनाव के मद्देनजर टालने की विपक्ष की मांग के बारे में पूछे जाने पर अनंत कुमार ने कहा, 'यह देश का बजट है और यह देश हित में है. सर्वोच्च न्यायालय ने अपना फैसला सुना दिया है.'
लेकिन, सर्वदलीय बैठक के बाद संवाददाताओं से बात करते हुए कांग्रेस नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि समय से पहले बजट पेश करने का निर्णय लेना लोकतांत्रिक प्रथाओं के खिलाफ है.
सिंधिया ने कहा, 'जिस तरीके से सरकार ने 1 फरवरी को बजट पेश करने का निर्णय लिया है, वह अलोकतांत्रिक है. हमारी सरकार ने 2012 में चुनाव होने तक बजट को टाल दिया था.'
सर्वदलीय बैठक में तृणमूल कांग्रेस और शिवसेना ने भाग नहीं लिया. बैठक में विपक्षी दलों ने 5 राज्यों में 4 फरवरी से विधानसभा चुनाव शुरू होने से पहले बजट की तारीख बदलकर 1 फरवरी किए जाने पर सवाल उठाया.
कांग्रेस नेता ने कहा कि उनकी पार्टी नोटबंदी, नियंत्रण रेखा पर संघर्ष विराम के उल्लंघन में वृद्धि और देश के सुरक्षा परिदृश्य के मुद्दों को उठाएगी. मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के नेता सीताराम येचुरी ने कहा कि समय से पहले बजट पेश करने के बुरे नतीजे सामने आएंगे.
उन्होंने कहा, 'सरकार के पास इस साल की दूसरी तिमाही तक के आंकड़े हैं और अभी तीसरी तिमाही के आंकड़े आए नहीं हैं. नोटबंदी के कारण अर्थव्यवस्था पर काफी विपरीत प्रभाव पड़ा है. इसके असर को बजट में शामिल नहीं किया जा सकेगा, क्योंकि अभी तक आंकड़े आए नहीं हैं. इसलिए सरकार को बजट को स्थगित कर देना चाहिए.'
उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी भी संसद में नोटबंदी पर चर्चा करना चाहती है. तृणमूल कांग्रेस ने सोमवार को नोटबंदी व केंद्र सरकार के खिलाफ अपना रुख सख्त करते हुए कहा कि उसके सदस्य मंगलवार व बुधवार को संसद की कार्यवाही में हिस्सा नहीं लेंगे. वित्त वर्ष 2017-18 का बजट बुधवार को पेश किया जाना है.
रोज वैली चिटफंड घोटाला मामले में अपने सांसद सुदीप बंद्योपाध्याय और तापस पाल की केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा गिरफ्तारी से अभी भी नाराज तृणमूल कांग्रेस की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है, 'तृणमूल के सांसद नोटबंदी के खिलाफ बजट सत्र के प्रथम दो दिन संसद में उपस्थित नहीं होंगे. नोटबंदी संसद को बिना विश्वास में लिए लागू की गई.'
बयान में कहा गया है, 'आगामी सत्र में तृणमूल अन्य मुद्दों के साथ ही लोकसभा में पार्टी के नेता और अन्य सांसदों की अवैध गिरफ्तारी का मुद्दा भी उठाएगी, जो स्पष्ट रूप से केंद्र की सत्तारूढ़ पार्टी के अपने अधिकार और सीबीआई के दुरुपयोग व राजनीतिक बदले की भावना का मामला है.'
पार्टी के नेता और सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने कहा, 'संसद में बजट के दिन उपस्थित नहीं रहने का कारण सरस्वती पूजा भी है, जो बंगाल के लिए एक बड़ा त्योहार है.' उन्होंने कहा कि यह रिवाज है कि सरस्वती पूजा के दिन लोग कार्य से दूर रहते हैं और यहां तक कि अपने व्यापार के उपकरण भी नहीं छूते हैं. ओ ब्रायन ने कहा, 'सरस्वती पूजा एक धार्मिक त्योहार से परे है. यह बंगाल का एक सामाजिक-सांस्कृतिकपर्व है.'
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