Shubhanshu Shukla ने प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात की, अंतरिक्ष ले जाया गया तिरंगा दिया उपहार
अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस - ISS) की यात्रा करने वाले पहले भारतीय अंतरिक्ष यात्री ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला (Shubhanshu Shukla) ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Narendra Modi) से सोमवार को मुलाकात की।
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शुभांशु शुक्ला 25 जून 2025 को ‘एक्सिओम-4 मिशन’ के तहत अंतरिक्ष में गए थे। वह अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर 18 दिन रहे और 15 जुलाई को वापस लौटे।
शुक्ला ने प्रधानमंत्री से लोक कल्याण मार्ग स्थित उनके आवास पर मुलाकात की।
मोदी ने इसरो अंतरिक्ष यात्री की जैकेट पहने शुक्ला को गर्मजोशी से गले लगाकर उनका स्वागत किया और उनके कंधे पर हाथ रखकर उनके साथ चले।
शुक्ला ने प्रधानमंत्री को ‘एक्सिओम-4 मिशन’ का ‘मिशन पैच’ और वह भारतीय तिरंगा भेंट किया, जो वह अपने साथ आईएसएस ले गए थे। जब शुक्ला और मोदी ने 29 जून को बातचीत की थी, तब आईएसएस पर पृष्ठभूमि में यह भारतीय तिरंगा लहरा रहा था।
मोदी ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर लिखा, ‘‘शुभांशु शुक्ला के साथ बहुत अच्छी बातचीत हुई। हमने अंतरिक्ष में उनके अनुभवों, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी में प्रगति और भारत के महत्वाकांक्षी गगनयान मिशन सहित कई विषयों पर चर्चा की। भारत को उनकी इस उपलब्धि पर गर्व है।’’
लखनऊ में जन्मे अंतरिक्ष यात्री को प्रधानमंत्री मोदी को आईएसएस से ली गई तस्वीरें ‘टैबलेट कंप्यूटर’ पर दिखाते हुए देखा गया।
शुक्ला ने प्रधानमंत्री को एक फ्रेमयुक्त तिरंगा भेंट करते हुए अपनी एक तस्वीर सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर साझा करते हुए लिखा, ‘‘आज माननीय प्रधानमंत्री से मुलाकात हुई। पिछली बार जब मैंने उनसे (अंतरिक्ष में) कक्षा से डिजिटल माध्यम से बात की थी, तब आईएसएस में पृष्ठभूमि में यही झंडा दिख रहा था।’’
शुक्ला ने कहा, ‘‘‘मैं बता नहीं सकता कि उस दिन (कक्षा से बातचीत के दौरान) भारत का प्रतिनिधित्व करते हुए और आज प्रधानमंत्री से मुलाकात के दौरान मुझे कितना गर्व महसूस हुआ। जैसा कि मैंने कहा, यह भारत की मानव अंतरिक्ष यात्रा के सफर का पहला कदम है।’’
शुक्ला ‘एक्सिओम-4’ निजी अंतरिक्ष मिशन का हिस्सा थे, जो 25 जून को फ्लोरिडा से रवाना हुआ था और 26 जून को अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर पहुंचा था। शुक्ला रविवार को भारत लौट आये।
तीन अन्य अंतरिक्ष यात्रियों - पैगी व्हिटसन (अमेरिका), स्लावोज उज़्नान्स्की-विस्नीवस्की (पोलैंड) और टिबोर कापू (हंगरी) के साथ शुक्ला ने 18 दिवसीय मिशन के दौरान कई प्रयोग किए।
प्रधानमंत्री ने 29 जून को ‘एक्सिओम-4 मिशन’ के शुरुआती दिनों में शुक्ला से बातचीत की थी। उन्होंने शुक्ला से अपने अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर रहने के अपने अनुभव और उस दौरान लिये प्रशिक्षण का दस्तावेजीकरण करने का भी अनुरोध किया था, ताकि गगनयान सहित भारत के भविष्य के मिशन को मदद मिल सके।
शुक्ला ने इस महीने की शुरुआत में एक प्रेस वार्ता में कहा था कि उन्होंने अपने मिशन के हर पहलू का दस्तावेजीकरण करने का प्रधानमंत्री मोदी द्वारा उन्हें सौंपा गया कार्य पूरा कर लिया है।
उन्होंने कहा, ‘‘हम जो कुछ भी वहां कर रहे थे, मुझसे उसका दस्तावेजीकरण करने के लिए कहा गया था। मैं आपको विश्वास दिला सकता हूं कि मैंने यह बहुत अच्छी तरह से किया है। मैं वापस आकर अपने कार्यक्रम के साथ यह सब साझा करने के लिए उत्साहित हूं। मुझे विश्वास है कि यह सारा ज्ञान हमारे अपने ‘गगनयान’ मिशन के लिए बेहद उपयोगी और महत्वपूर्ण साबित होगा।’’
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