Parliament Monsoon Session: बिहार SIR विवाद पर विपक्ष का हंगामा, संसद की कार्यवाही सोमवार तक स्थगित
बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के मुद्दे पर शुक्रवार को लोकसभा में विपक्षी दलों के सदस्यों के हंगामे के कारण सदन की कार्यवाही एक बार के स्थगन के बाद सोमवार सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई।
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एसआईआर के मुद्दे पर ही, पहले सुबह 11 बजकर तीन मिनट पर सदन की कार्यवाही अपराह्न दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई थी। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कार्यवाही स्थगित करने से पहले शोर-शराबा कर रहे सदस्यों से कहा, ‘‘जनता ने आपको इतना बड़ा अवसर दिया है, इसे नारेबाजी करके और तख्तियां दिखाकर मत गंवाइए।’’
सदन की कार्यवाही एक बार के स्थगन के बाद अपराह्न दो बजे फिर से शुरू होते ही विपक्षी सदस्य आसन के निकट पहुंचकर ‘एसआईआर वापस लो’ के नारे लगाने लगे।
पीठासीन सभापति कृष्णा प्रसाद तेन्नेटी ने नारेबाजी कर रहे सांसदों से अपने स्थान पर जाने और सदन चलने देने की अपील की। उन्होंने कहा, ‘‘आपसे कई बार कहा गया है कि सदन में तख्तियां नहीं लानी है, लेकिन आप लोग नहीं सुन रहे हैं।’’ उन्होंने कहा कि हंगामे के कारण बहुत सारा कीमती समय बर्बाद हो गया है।
सभापति ने गोवा में जनजातियों से संबंधित विधेयक के सूचीबद्ध होने का उल्लेख करते हुए कहा, ‘‘यह दिखाता है कि देश के अनुसूचित जनजाति समुदाय के प्रति आप कैसा रुख रखते हैं।’’
संसदीय कार्य राज्य मंत्री अर्जुनराम मेघवाल ने कहा, ‘‘गोवा से संबंधित विधेयक विचार एवं पारित करने के लिए सूचीबद्ध है। विपक्ष चर्चा नहीं कर रहा है। इसका मतलब कि विपक्ष के लोग एसटी समुदाय के खिलाफ हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘इस विधेयक से गोवा विधानसभा में एसटी समुदाय का प्रतिनिधित्व बढ़ने वाला है। यह बहुत महत्वपूर्ण विधेयक है।’’हंगामा जारी रहने पर सभापति तेन्नेटी ने कुछ ही मिनट बाद सदन की कार्यवाही दिनभर के लिए स्थगित कर दी।
इससे पहले, शुक्रवार सुबह सदन की कार्यवाही आरंभ होने पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने प्रश्नकाल शुरू कराया, तभी विपक्षी दलों के सदस्य एसआईआर के मुद्दे पर चर्चा की मांग करने लगे।
लोकसभा अध्यक्ष ने सदस्यों से अपनी सीटों पर बैठने का आग्रह करते हुए कहा, ‘‘सदन की गरिमा को बनाकर रखिए। प्रश्नकाल बहुत महत्वपूर्ण समय होता है।’’ उन्होंने सदस्यों के नारेबाजी करने और तख्तियां दिखाने पर निराशा प्रकट करते हुए कहा कि विपक्षी सदस्य प्रश्नकाल में अन्य सदस्यों के प्रश्न पूछने का और सरकार को जवाबदेह ठहराने का अधिकार नहीं छीन सकते। बिरला ने कहा कि यह सदस्यों का गलत तरीका और गलत आचरण है।
हंगामा नहीं थमने पर उन्होंने सदन की कार्यवाही 11 बजकर तीन मिनट पर दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी।
संसद के मानसून सत्र की शुरुआत बीते 21 जुलाई को हुई थी और निचले सदन में केवल दो दिन, गत मंगलवार और बुधवार को प्रश्नकाल हो पाया है।
राज्यसभा में हंगामे की भेंट चढ़े शून्यकाल और प्रश्नकाल, बैठक दिन भर के लिए स्थगित
बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) सहित विभिन्न मुद्दों पर विपक्षी सदस्यों के हंगामे के कारण राज्यसभा की कार्यवाही शुक्रवार को एक बार के स्थगन के बाद दोपहर बारह बज कर तीन मिनट पर पूरे दिन के लिए स्थगित कर दी गई।
उच्च सदन में हंगामे की वजह से आज भी शून्यकाल और प्रश्नकाल नहीं हो पाया।
पूर्वाह्न 11 बजे बैठक शुरू होने पर उपसभापति हरिवंश ने आवश्यक दस्तावेज सदन के पटल पर रखवाए।
उन्होंने बताया कि उन्हें नियम 267 के तहत 30 नोटिस मिले हैं जिनमें बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर), ओडिशा में महिलाओं और बच्चों के कथित उत्पीड़न, बंगाली कामगारों के साथ दूसरे राज्यों में कथित दुर्व्यवहार, छत्तीसगढ़ में दो ननों की गिरफ्तारी, अमेरिका द्वारा भारत पर लगाए गए 25 फीसदी शुल्क और जुर्माने के दुष्प्रभाव के मुद्दे पर नियत कामकाज स्थगित कर तत्काल चर्चा कराए जाने की मांग की गई है।
हरिवंश के अनुसार कांग्रेस के नीरज डांगी, अखिलेश प्रसाद सिंह, राजीव शुक्ला, रेणुका चौधरी, रंजीत रंजन, द्रमुक सदस्य तिरुचि शिवा, तृणमूल कांग्रेस के साकेत गोखले और सुष्मिता देव ने एसआईआर की वजह से उत्पन्न चिंताओं पर चर्चा की मांग की।
उपसभापति ने बताया कि तृणमूल कांग्रेस की मौसम बी नूर, रीताब्रता बनर्जी, और सागरिका घोष तथा समीरुल इस्लाम ने अन्य राज्यों में बंगाली प्रवासी श्रमिकों के साथ कथित भेदभाव के मुद्दे पर चर्चा की मांग की है।
उन्होंने बताया कि बीजद के निरंजन बिशी, देबाशीष सामंतराय, सुलता देव, सस्मित पात्रा, मानस रंजन मंगराज, सुभाशीष खुंटिया, मुजीबुल्ला खान ने ओडिशा में महिलाओं के खिलाफ कथित तौर पर बढ़ते अपराध के मुद्दे पर चर्चा की मांग की है।
हरिवंश के अनुसार, कांग्रेस की जे बी माथेर हीशम तथा मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के ए ए रहीम ने छत्तीसगढ़ में 24 जुलाई को हुई दो ननों की कथित अन्यायपूर्ण गिरफ्तारी के मुद्दे पर पर चर्चा की मांग की, जबकि सपा के रामजीलाल सुमन तथा आम आदमी पार्टी के संजय सिंह ने अमेरिका द्वारा भारतीय वस्तुओं पर 25 प्रतिशत शुल्क और जुर्माना लगाने के मुद्दे पर चर्चा की मांग की है।
उन्होंने बताया कि माकपा के डॉ वी शिवदासान ने आईटी क्षेत्र में बड़े पैमाने पर सामूहिक छंटनी किए जाने के मुद्दे पर चर्चा के लिए नोटिस दिया है।
उपसभापति ने कहा कि ये नोटिस आसन द्वारा पूर्व में दी गई व्यवस्था के अनुरूप नहीं हैं, इसलिए इन्हें स्वीकार नहीं किया जा सकता।
नोटिस स्वीकार नहीं किए जाने पर विपक्षी सदस्यों ने विरोध जताया और हंगामा करने लगे। तृणमूल कांग्रेस के कुछ सदस्य आसन के सामने आ कर ‘‘एसआईआर पर हल्ला बोल’’ तथा ‘‘वोट की चोरी बंद करो’’ के नारे लगाने लगे।
हरिवंश ने सदस्यों से सदन की कार्यवाही चलने देने और अपने स्थानों पर लौट जाने की अपील की। उन्होंने राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के मनोज कुमार झा को अपनी बात रखने की अनुमति दी। झा ने एसआईआर का मुद्दा उठाना चाहा जिस पर उपसभापति ने कहा कि निर्वाचन आयोग एक संवैधानिक निकाय है और सदस्य जो मुद्दा उठाना चाह रहे हैं वह उच्चतम न्यायालय में विचाराधीन है।
उपसभापति ने कहा ‘‘यह मुद्दा अदालत में विचाराधीन है और सदन के नियम पूरी तरह स्पष्ट हैं। मैं (चर्चा की) अनुमति नहीं दे सकता।’’
उन्होंने शून्यकाल के तहत नियत मुद्दा उठाने के लिए आम आदमी पार्टी के डॉ अशोक कुमार मित्तल का नाम पुकारा। मित्तल ने हंगामे के बीच ही स्वास्थ्य तथा चिकित्सा से जुड़ा मुद्दा उठाया।
हरिवंश ने हंगामा कर रहे सदस्यों से वापस अपने स्थानों पर जाने की अपील करते हुए कहा, ‘‘पूरा देश देख रहा है कि आप आम लोगों से जुड़ी समस्या उठाने नहीं दे रहे हैं। आप नियमों का पालन नहीं करते। यह ठीक नहीं है।’’
सदन में व्यवस्था न बनते देख उन्होंने 11 बजकर 10 मिनट पर बैठक को दोपहर बारह बजे तक स्थगित कर दिया।
एक बार के स्थगन के बाद दोपहर बारह बजे कार्यवाही शुरू होने पर विपक्षी सदस्यों ने पुन: अपने अपने मुद्दों पर चर्चा की मांग करते हुए हंगामा शुरू कर दिया। कुछ सदस्य आसन के समक्ष आ कर नारेबाजी करने लगे।
पीठासीन अध्यक्ष घनश्याम तिवाड़ी ने प्रश्नकाल के लिए कांग्रेस के विवेक तन्खा का नाम पुकारा। तन्खा का प्रश्न डिजिटल व्यक्तिगत डेटा संरक्षण (डीपीडीपी) अधिनियम 2023 के कार्यान्वयन से संबंधित था लेकिन उन्होंने कहा कि वह एसआईआर पर प्रश्न पूछना चाहते हैं।
पीठासीन अध्यक्ष तिवाड़ी ने उन्हें कहा कि वह मूल प्रश्न से संबंधित पूरक प्रश्न ही पूछें। उन्होंने संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव से जवाब देने के लिए कहा। तन्खा ने कहा कि सदन में व्यवस्था नहीं है।
तिवाड़ी ने हंगामा कर रहे सदस्यों से अपने स्थानों पर लौट जाने और प्रश्नकाल चलने देने की अपील की। अपनी बात का असर न होते देख उन्होंने बारह बज कर तीन मिनट पर बैठक को सोमवार चार अगस्त तक के लिए स्थगित कर दिया।
शुक्रवार की कार्यसूची के अनुसार, उच्च सदन में निजी सदस्यों के संकल्पों पर चर्चा के अलावा आज मणिपुर में राष्ट्रपति शासन को अगले छह महीने तक जारी रखने के लिए वैधानिक संकल्प और समुद्र द्वारा माल परिवहन विधेयक, 2025 पर चर्चा होनी थी
मानसून सत्र की शुरुआत 21 जुलाई को हुई थी और आज सदन की कार्यवाही का 10वां दिन था। सदन में इस दौरान एसआईआर सहित विभिन्न मुद्दों पर विपक्षी सदस्यों के हंगामे की वजह से एक बार भी शून्यकाल तथा प्रश्नकाल नहीं हो पाया और न ही कोई कामकाज सामान्य तरीके से हो पाया। सदन में मंगलवार और बुधवार को ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा हुई थी और गृह मंत्री अमित शाह ने चर्चा का जवाब दिया था।
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