अंतरिक्ष से शुभांशु शुक्ला ने किया लाइव वीडियो कॉल, कहा- बच्चे की तरह खाना-पीना और चलना सीख रहा हूं

Last Updated 26 Jun 2025 03:13:49 PM IST

अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला ने बृहस्पतिवार को कहा कि वह सूक्ष्म गुरुत्वाकर्षण की स्थितियों में ‘‘एक बच्चे की तरह’’ रहना सीख रहे हैं और जब ड्रैगन अंतरिक्ष यान अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन से जुड़ने की अपनी यात्रा में पृथ्वी की परिक्रमा कर रहा था तो निर्वात में तैरना एक अद्भुत अनुभव था।


अंतरिक्ष यान से एक वीडियो लिंक के जरिए अपना अनुभव साझा करते हुए शुक्ला ने कहा कि बुधवार को एक्सिओम-4 मिशन के प्रक्षेपण से पहले 30 दिनों तक पृथक वास के दौरान बाहरी दुनिया से पूरी तरह दूर रहने के बाद ‘‘मेरे दिमाग में केवल यही विचार आया था कि हमें बस जाने दिया जाए।’’

शुक्ला और तीन अन्य अंतरिक्ष यात्री फ्लोरिडा स्थित नासा के कैनेडी अंतरिक्ष केंद्र से ड्रैगन अंतरिक्ष यान पर सवार होकर 14 दिन के लिए अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) के लिए रवाना हुए थे।

एक्सिओम-4 वाणिज्यिक मिशन के तहत फाल्कन-9 रॉकेट पर सवार हुए इन अंतरिक्ष यात्रियों के बृहस्पतिवार शाम साढ़े चार बजे आईएसएस पहुंचने की संभावना है।

शुक्ला ने कहा, ‘‘वाह! अद्भुत सफ़र था! सच कहूँ तो, जब मैं कल लॉन्चपैड पर कैप्सूल ग्रेस में बैठा था, तो मेरे दिमाग में एक ही विचार था कि चलो बस चलते हैं! 30 दिन तक पृथक वास करने के बाद ऐसा लग रहा था कि मैं बस जाना चाहता हूं। उत्साह और सब कुछ बहुत दूर था। बस यही लग रहा था कि चलो बस चलते हैं।’’

अंतरिक्ष यात्रियों ने स्पेसएक्स के नए ड्रैगन अंतरिक्ष यान को ‘ग्रेस’ नाम दिया है।

उन्होंने हंस जैसे दिखने वाले एक खिलौने ‘जॉय’ के बारे में भी बताया जो शून्य गुरुत्वाकर्षण संकेतक है और एक्सिओम-4 मिशन पर चालक दल का पांचवां सदस्य है।

प्रक्षेपण के दौरान गुरुत्वाकर्षण बल का सामना करने के अपने अनुभव को साझा करते हुए शुक्ला ने कहा कि उन्हें ऐसा महसूस हुआ जैसे उन्हें अपनी सीट पर पीछे धकेला जा रहा हो।

उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन जब यात्रा शुरू हुई, तो यह कुछ खास था। आप सीट पर पीछे की ओर धकेले जा रहे थे। यह एक अद्भुत सफर था और फिर अचानक कुछ भी महसूस नहीं हुआ। सब कुछ शांत था और आप बस तैर रहे थे। आप बेल्ट खोलकर निर्वात में तैर रहे थे।’’

भारतीय अंतरिक्ष यात्री ने कहा कि निर्वात में जाने के बाद पहले कुछ क्षण तो अच्छे नहीं लगे लेकिन जल्द ही यह एक ‘‘अद्भुत अहसास’’ बन गया।

शुक्ला ने कहा, ‘‘मैं इसकी अच्छी तरह से आदत डाल रहा हूं। मैं नजारों आनंद ले रहा हूं, अनुभव ले रहा हूं और एक बच्चे की तरह सीख रहा हूं। यह सीख रहा हूं कि कैसे चहलकदमी करूं, अपने आप पर नियंत्रण रखना सीख रहा हूं, खाना-पीना सीख रहा हूं। यह सब बहुत रोमांचक है।’’



उन्होंने कहा, ‘‘यह एक नया माहौल, एक नयी चुनौती है और मैं यहां अपने साथी अंतरिक्ष यात्रियों के साथ इस अनुभव का आनंद उठा रहा हूं। गलतियां करना अच्छा है, लेकिन किसी और को भी गलतियां करते देखना और भी अच्छा है इसलिए यह एक मजेदार वक्त है!’’

गौरतलब है कि भारत के अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला ने 25 जून 2025 को 12.01 बजे नया इतिहास रच दिया। शुभांशु शुक्ला और तीन अन्य अंतरिक्ष यात्रियों को लेकर IST नासा के कैनेडी स्पेस सेंटर, फ्लोरिडा से लॉन्च हुआ।

यह यान लगभग 28 घंटे की यात्रा के बाद  एक्सिओम-4 मिशन को लेकर ड्रैगन अंतरिक्ष यान इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन पहुंच गया है। यान की डॉकिंग सफल रही है। एक्सिओम मिशम के तहत अंतरिक्ष यात्री अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन में 14 दिन बिताएंगे और इस दौरान 60 प्रयोग करेंगे।  

शुभांशु शुक्ला ने अंतरिक्ष से दिया पहला संदेश

ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला ने मिशन के पहले दिन अपने संदेश में कहा, "नमस्कार, मेरे प्यारे देशवासियों! क्या सफ़र है! हम 41 साल बाद वापस अंतरिक्ष में पहुंच गए हैं। यह एक अद्भुत सफ़र है। हम 7.5 किलोमीटर प्रति सेकंड की रफ़्तार से पृथ्वी की परिक्रमा कर रहे हैं। मेरे कंधों पर मेरा तिरंगा मुझे बताता है कि मैं आप सभी के साथ हूँ। यह मेरी यात्रा अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) की शुरुआत नहीं है, ये भारत के मानव अंतरिक्ष कार्यक्रम की शुरुआत है। मैं चाहता हूँ कि आप सभी इस सफ़र का हिस्सा बनें। आपका सीना भी गर्व से चौड़ा होना चाहिए... आइए हम सब मिलकर भारत के मानव अंतरिक्ष कार्यक्रम की शुरुआत करें। जय हिंद! जय भारत!"

लखनऊ में जन्मे शुक्ला, अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा (नेशनल एरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन) की अंतरिक्ष यात्री पूर्व मिशन कमांडर पैगी व्हिटसन, हंगरी के अंतरिक्ष यात्री टिबोर कपू व पोलैंड के स्लावोज उज्नान्स्की-विस्नीव्स्की मिशन का हिस्सा हैं।


 

भाषा/समय लाईव डेस्क
नई दिल्ली


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