50 Years of Emergency: आपातकाल को 50 साल पूरे, PM मोदी समेत BJP नेताओं का हमला, कहा- कांग्रेस सरकार ने लोकतंत्र को बना लिया था बंधक

Last Updated 25 Jun 2025 09:59:11 AM IST

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बुधवार को कहा कि कोई भी भारतीय यह कभी नहीं भूलेगा कि आपातकाल के दौरान संविधान की भावना का कैसे उल्लंघन किया गया। उन्होंने संवैधानिक सिद्धांतों को मजबूत करने की अपनी सरकार की प्रतिबद्धता दोहराई।


आपातकाल के 50 साल पूरे होने पर सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर कई पोस्ट कर मोदी ने कहा कि यह भारतीय लोकतंत्र के इतिहास के सबसे अंधकारमय अध्याय में से एक है।

उन्होंने कहा कि आपातकाल में संविधान में निहित मूल्यों को दरकिनार कर दिया गया, मौलिक अधिकारों को निलंबित कर दिया गया, प्रेस की स्वतंत्रता को दबा दिया गया और बड़ी संख्या में राजनीतिक दलों के नेताओं, सामाजिक कार्यकर्ताओं, छात्रों और आम नागरिकों को जेल में डाल दिया गया।



प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘ऐसा लग रहा था जैसे उस समय सत्ता में बैठी कांग्रेस सरकार ने लोकतंत्र को बंधक बना लिया था।’’

मोदी सरकार ने पिछले साल घोषणा की थी कि आपातकाल की बरसी को ‘‘संविधान हत्या दिवस’’ ​​के रूप में मनाया जाएगा।

उन्होंने कहा कि 42वें संशोधन में संविधान में व्यापक परिवर्तन किए गए जो आपातकाल लगाने वाली कांग्रेस सरकार की चालों का एक प्रमुख उदाहरण है, जिसे जनता पार्टी के नेतृत्व वाली सरकार ने बाद में पलट दिया था।

उन्होंने कहा कि गरीबों, हाशिए पर पड़े लोगों और दलितों को विशेष रूप से निशाना बनाया गया और उनकी गरिमा को ठेस पहुंचाई गई।

मोदी ने कहा, ‘‘हम अपने संविधान में निहित सिद्धांतों को मजबूत करने और विकसित भारत के अपने दृष्टिकोण को साकार करने के लिए मिलकर काम करने की अपनी प्रतिबद्धता भी दोहराते हैं। हम प्रगति की नयी ऊंचाइयों को छूएं और गरीबों तथा दलितों के सपनों को पूरा करें।’’


आपातकाल के खिलाफ लड़ाई में डटे रहने वाले हर व्यक्ति को सलाम करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि ये लोग पूरे भारत से, हर क्षेत्र से, हर विचारधारा से थे, जिन्होंने एक ही उद्देश्य से एक-दूसरे के साथ मिलकर काम किया और वह था: भारत के लोकतांत्रिक ढांचे की रक्षा करना और उन आदर्शों को बनाए रखना जिनके लिए स्वतंत्रता सेनानियों ने अपना जीवन समर्पित कर दिया।

उन्होंने कहा, ‘‘यह उनका सामूहिक संघर्ष था जिसने यह सुनिश्चित किया कि तत्कालीन कांग्रेस सरकार लोकतंत्र बहाल करे। नए सिरे से चुनाव कराने पड़े, जिसमें वे (कांग्रेस पार्टी) बुरी तरह हार गए।’’

गृहमंत्री अमित शाह ने कांग्रेस पर हमला बोलते हुए कहा कि आपातकाल कांग्रेस की सत्ता की भूख का अन्यायकाल था। 25 जून 1975 को लगे आपातकाल में देशवासियों ने जो पीड़ा और यातना सही, उसे नई पीढ़ी जान सके। इसी उद्देश्य से मोदी सरकार ने इस दिन को संविधान हत्या दिवस का नाम दिया। यह दिवस बताता है कि जब सत्ता तानाशाही बन जाती है, तो जनता उसे उखाड़ फेंकने की ताकत रखती है।

शाह ने ‘एक्स’ पर लिखा, “आपातकाल कोई राष्ट्रीय आवश्यकता नहीं, बल्कि कांग्रेस और एक व्यक्ति की लोकतंत्र विरोधी मानसिकता का परिचायक था।” उन्होंने कहा कि प्रेस की स्वतंत्रता कुचली गई, न्यायपालिका के हाथ बांध दिए गए और सामाजिक कार्यकर्ताओं को जेल में डाला गया। देशवासियों ने सिंहासन खाली करो का शंखनाद किया और तानाशाही कांग्रेस को उखाड़ फेंका। इस संघर्ष में बलिदान देने वाले सभी वीरों को भावपूर्ण श्रद्धांजलि।

 

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के अध्यक्ष जे. पी. नड्डा ने बुधवार को कहा कि कांग्रेस में अब भी वही तानाशाही मानसिकता है जो 50 साल पहले आपातकाल लगाने के पीछे थी। उन्होंने कहा कि कांग्रेस का मानना ​​है कि देश पर शासन करने का अधिकार केवल एक परिवार को है।

आपातकाल के 50 साल पूरे होने पर नड्डा ने अपनी टिप्पणी में कहा कि कांग्रेस अब भी नरेन्द्र मोदी जैसे साधारण पृष्ठभूमि वाले व्यक्ति को प्रधानमंत्री बनाने के विचार को स्वीकार नहीं कर पा रही है।नड्डा ने कहा कि राहुल गांधी और कांग्रेस संविधान की बातें करते हैं, लेकिन विपक्षी पार्टी ने आज तक आपातकाल की उस 21 महीने की अवधि के लिए माफी नहीं मांगी है जब जून 1975 से मार्च 1977 के बीच विपक्षी दलों के नेताओं को जेल में डाल दिया गया था, प्रेस पर पाबंदियां लगाई गई थीं और तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने नागरिक स्वतंत्रता को निलंबित कर दिया था। उन्होंने कहा कि उस समय संविधान में अलोकतांत्रिक संशोधन किए गए और इसकी आत्मा को विकृत किया गया। उसके इरादे आज भी वही हैं जो 1975 में थे।

 

रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने भी आपातकाल के 50 साल पूरे होने पर कांग्रेस पर हमला बोला है। उन्होंने कहा कि पचास साल पहले, भारत ने आपातकाल का काला दौर देखा था, जिसने लोकतंत्र के मूल्यों को कुचलने का प्रयास किया था। विपक्षी नेताओं को जेलों में डाल दिया गया, संवैधानिक संस्थाओं का दुरुपयोग हुआ। मगर इस देश में जो लोकतांत्रिक परम्पराएँ रही हैं उनको चाह कर भी तत्कालीन सरकार मिटा नहीं पायी।


 

 

 गौरतलब है कि 1975 में 25 और 26 जून की दरमियानी रात से 21 मार्च 1977 तक (21 महीने) तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने देश में आपातकाल की घोषणा की थी। भाजपा ने आपातकाल को इतिहास का काला अध्याय करार दिया है। 

आपातकाल की 50वीं बरसी के मौके पर भारतीय जनता पार्टी (BJP) ‘संविधान हत्या दिवस’ के रूप में एक विशेष कार्यक्रम करने जा रही है। यह कार्यक्रम दिल्ली के त्यागराज स्टेडियम में आयोजित किया जाएगा। 
 

भाषा/समय लाईव डेस्क
नई दिल्ली


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