मथुरा-काशी जैसे मसलों का समाधान अदालतों के बाहर ढूंढने का प्रयास हो: अजमेर दरगाह के दीवान

Last Updated 23 Feb 2024 09:59:19 AM IST

अजमेर दरगाह के आध्यात्मिक प्रमुख और वंशानुगत सज्जादानशीन हजरत दीवान सैयद जैनुल आबेदीन अली खान (Diwan Syed Zainul Abedin Ali Khan) ने गुरूवार को कहा कि राजनीतिक दलों को मथुरा-काशी जैसे मसलों का समाधान अदालतों के बाहर ढूंढने का प्रयास करना चाहिए।


उन्होंने कहा कि अगर कोई भी मसला आपसी सहमति से सुलझाया जाता है तो यह समुदायों का दिल और विश्वास जीतेगा। अजमेर दरगाह के दीवान यहां अखिल भारतीय सूफी सज्जादानशीन काउंसिल की राजस्थान इकाई द्वारा आयोजित 'पैग़ामे-ए-मोहब्बत हम सब का भारत' सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे।

उन्होंने कहा कि आज भारत वसुधैव कुटुंबकम की भावना अपनाकर विश्व में शांति बहाल करने में सकारात्मक भूमिका निभा रहा है। उन्होंने कहा, “आज भारत विश्व शांति में अपनी भूमिका निभा रहा है तो हम अपने देश के आंतरिक मसलों का अदालतों के बाहर शांति पूर्वक समाधान निकालने में सक्षम क्यों नहीं? हम सक्षम हैं। बस एक मजबूत पहल की जरूरत है।’’ एक बयान के अनुसार उन्होंने काशी और मथुरा जैसे मसलों का हल अदालतों के बाहर मिल-जुल कर निकालने का प्रयास करने की अपील की।

इसके अनुसार सीएए पर अपनी राय रखते हुए दरगाह प्रमुख ने यह भी कहा,‘‘ आज हम एक बात और साफ करना चाहते है कि पिछले कुछ साल में मुसलमानों को गुमराह किया गया और डराया गया कि सीएए कानून से भारत के मुसलमानों की नागरिकता छीनने की कोशिश हो रही है। जबकि वास्तविकता कुछ और है। अधिनियम के प्रावधानों के विस्तृत विश्लेषण के बाद, हमने पाया कि कानून का भारतीय मुसलमानों से कोई लेना-देना नहीं है और यह उन पर कोई प्रभाव नहीं डालेगा, बल्कि अफगानिस्तान, पाकिस्तान, बांग्लादेश में पीड़ित और सताए हुए अल्पसंख्यक प्रवासियों को लाभ पहुंचाएगा जो भारतीय नागरिकता चाहते हैं।"

भाषा
जयपुर


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