VVPAT पर निर्वाचन आयोग का 'इंडिया' के घटक दलों से नहीं मिलना 'अन्याय' : कांग्रेस
कांग्रेस ने गुरूवार को दावा किया कि विपक्षी गठबंधन 'इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस' (I.N.D.I.A) के घटक दलों के प्रतिनिधि मंडल से मिलने से निर्वाचन आयोग द्वारा इनकार करना वो 'अन्याय' है जो लोकतंत्र की बुनियाद पर आघात करने वाला है।
![]() कांग्रेस पार्टी महासचिव जयराम रमेश (फाइल फोटो) |
पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने यह भी कहा कि विपक्षी दल निर्वाचन आयोग के समक्ष वीवीपैट के विषय पर अपनी बात रखना चाहते हैं।
उन्होंने 'एक्स' पर पोस्ट किया, "भारत निर्वाचन आयोग द्वारा हर वर्ष 25 जनवरी को राष्ट्रीय मतदाता दिवस के रूप में मनाया जाता है। लेकिन दुख की बात है कि यह स्वतंत्र संस्था 'इंडिया' गठबंधन की पार्टियों के नेताओं के प्रतिनिधिमंडल से मिलने से इनकार कर रही है। ये दल केवल मतदाताओं द्वारा वोट डालने पर वीवीपैट के अधिक से अधिक उपयोग पर अपनी बात रखना चाहते हैं।"
उनका कहना है, "वीवीपीएटी और कुछ नहीं बल्कि 'वोटर-वेरिफाइड पेपर ऑडिट ट्रेल' है। निर्वाचन आयोग का लगातार इनकार एक अन्याय है जो हमारे लोकतंत्र की बुनियाद पर हमला है।"
भारत निर्वाचन आयोग द्वारा हर साल 25 जनवरी को राष्ट्रीय मतदाता दिवस के रूप में मनाया जाता है। लेकिन यह अफ़सोस की बात है कि यह स्वतंत्र संस्था INDIA की पार्टियों के नेताओं के एक प्रतिनिधिमंडल से मिलने से इंकार कर रही है, जो केवल मतदाताओं के द्वारा वोट डालने के बाद तुरंत बनने वाले…
— Jairam Ramesh (@Jairam_Ramesh) January 25, 2024
रमेश ने कहा कि मतदाता को यह सत्यापित करने का अधिकार है कि उसका वोट सटीक तरीके से दर्ज किया गया है।
रमेश ने पिछले साल 30 दिसंबर को निर्वाचन आयोग को पत्र लिखकर अनुरोध किया था कि ‘इंडिया’ के एक प्रतिनिधिमंडल को वीवीपैट पर्चियों पर अपने विचार रखने के लिए मिलने का समय दिया जाए।
निर्वाचन आयोग ने वीवीपैट पर रमेश की चिंताओं को खारिज करते हुए कहा था कि इसके माध्यम से ‘‘ऐसा कोई नया दावा या उचित एवं वैध संदेह नहीं उठाया गया है जिसके लिए और स्पष्टीकरण की आवश्यकता है।’’
आयोग ने जवाबी पत्र में यह भी कहा था कि मतदाता पर्चियों संबंधी नियम कांग्रेस पार्टी के नेतृत्व वाली सरकार द्वारा 2013 में पेश किए गए थे।
इसके बाद रमेश ने आयोग को फिर से 8 जनवरी को पत्र लिखकर मिलने के लिए समय मांगा था।
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