आयकर आकलन मामला: न्यायालय ने गांधी परिवार के वकील से कहा-केंद्रीकृत आकलन की जरूरत हो सकती है

Last Updated 04 Oct 2023 08:17:34 AM IST

उच्चतम न्यायालय (Supreme Court) ने कांग्रेस नेता सोनिया गांधी (Sonia Gandhi), राहुल गांधी (Rahul Gandhi) और प्रियंका गांधी वाद्रा (Priyanka Gandhi Vadra) तथा इनसे संबद्ध न्यासों की याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए कहा कि यदि व्यक्तियों के बीच आपस में लेन-देन हुआ है तो एक केंद्रीकृत आकलन की जरूरत हो सकती है।


उच्चतम न्यायालय

इन याचिकाओं के जरिये उनके आयकर आकलन को ‘सेंट्रल सर्कल’ को स्थानांतरित करने का अनुरोध किया गया है, जिसे कर चोरी की जांच करने का अधिकार प्राप्त है।

गांधी परिवार, संजय गांधी मेमोरियल ट्रस्ट, राजीव गांधी चैरिटेबल ट्रस्ट और राजीव गांधी फाउंडेशन, जवाहर भवन ट्रस्ट और यंग इंडियन की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता अरविंद दातार से पीठ ने कहा, ‘‘जहां तक व्यक्तियों का सवाल है...अगर परस्पर लेन-देन होता है, तो केंद्रीकृत आकलन की जरूरत हो सकती है।’’

न्यायालय ने आम आदमी पार्टी (AAP) से उसके मामले को आकलन के लिए सेंट्रल सर्कल में स्थानांतरित करने के आयकर विभाग के फैसले के खिलाफ याचिका दायर करने में पांच महीने की देरी किये जाने पर भी सवाल किया।

न्यायमूर्ति खन्ना ने आप की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक सिंघवी से कहा, ‘‘इस तरह के मामले में, एक महीने की देरी भी घातक है। आपको बताना होगा कि याचिका दायर करने में इतनी देरी क्यों हुई। हम प्रत्येक मामले से अलग से निपटेंगे।’’

न्यायालय ने आयकर विभाग का प्रतिनिधित्व कर रहे अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल बलबीर सिंह से पूछा कि क्या ‘फेसलेस’ आकलन अधिकारियों के मामले में समीक्षा और सत्यापन समिति का चयन कंप्यूटर द्वारा किया जाता है।

न्यायमूर्ति खन्ना ने सिंह से कहा, ‘‘मैं स्पष्टीकरण नहीं चाहता, बल्कि तथ्यात्मक उत्तर चाहता हूं। साथ ही, कार्यवाही की स्थिति भी जानना चाहता हूं। आप कृपया मामले की मूल फाइल प्राप्त करें।’’

शीर्ष अदालत दिल्ली उच्च न्यायालय के 26 मई के एक आदेश को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई कर रही है। उच्च न्यायालय ने अपने आयकर आकलन को सेंट्रल सर्कल में स्थानांतरित करने के आयकर विभाग के फैसले के खिलाफ गांधी परिवार की याचिकाओं को खारिज कर दिया था।

गांधी परिवार ने आकलन वर्ष 2018-19 के लिए उनके मामलों को सेंट्रल सर्कल में स्थानांतरित करने के लिए प्रधान आयुक्त (आयकर) द्वारा जनवरी 2021 में जारी आदेश को चुनौती दी है।

भाषा
नई दिल्ली


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