Rahul Gandhi की सदस्यता बहाली को लेकर बीजेपी क्यों है दुविधा में ?
राहुल गाँधी को सुप्रीम कोर्ट से राहत मिलने के बाद अब चर्चा इस बात पर शुरू हो गई है की राहुल गांधी की सदस्यता बहाल कब होती है।
![]() Rahul Gandhi and Modi |
पूरे देश को पता है कि जब राहुल गांधी को गुजरात की एक सेशन कोर्ट ने दो साल की सजा सुनाई थी, उसके 24 घंटे के भीतर ही राहुल गाँधी की सदस्यता रद्द कर दी गई थी। ऐसे में राजनैतिक गलियारों में यह चर्चा जोर पकड़ रही है कि सजा मिलने के बाद उनकी सदस्यता रद्द करने के लिए जितनी तेजी दिखाई गई थी, उतनी ही तेजी उनकी सदस्यता बहाल करने में दिखाई जायेगी। क्या इसी सत्र में राहुल गांधी की आवाज संसद के जरिए देश के लोगों को सुनने को मिलेगी। फ़िलहाल गेंद इस समय सत्ता पक्ष यानी बीजेपी के पाले में है। लेकिन गेंद पाले में होने के बाद भी बीजेपी के सामने सबसे बड़ी उलझन यह है कि वह गेंद किधर और कैसे फेंके। जबकि कांग्रेस इस समय निश्चिन्त होकर बैठी होगी। उधर बीजेपी के नेता जरूर उधेड़बून में लगे होंगे।
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने जब मोदी सर नेम को लेकर बयान दिया था, तो उस समय कुछ हंगामा नहीं हुआ था। उनके ब्यान के बहुत दिन बाद गुजरात के पूर्णेश मोदी ने मोदी सर नेम का अपमान बताया था। उनके खिलाफ मानहानि का दावा करते हुए मुकदमा दर्ज कराया था, जिसकी सुनवाई गुजरात की सेशन कोर्ट में हुई थी। राहुल को वहां से उन्हें दो साल की सजा सुनाई गई थी। राहुल गांधी के ऊपर जो मामले बनते थे, उसमें अधिकतम सजा दो साल की ही थी। लिहाजा उस समय भी यह सवाल उठे थे कि उन्हें दो साल यानी असंगेय मामले में भी अधिकतम सजा क्यों सुनाई गई थी। जबकि सबको पता था कि अगर दो साल की सजा किसी सांसद या विधायक को हो जाती है तो उसकी सदस्यता रद्द हो जाती है।
उनकी सजा को उस समय राजनैतिक करार दिया गया था। उस सजा के बाद राहुल गांधी की सांसदी चली गई थी। उनका आवास भी खाली करवा लिया गया था। हालांकि राहुल गांधी जिस कद के नेता है उसके हिसाब से उनके साथ कुछ नरमी बरतनी चाहिए थी, लेकिन उनके साथ वैसा कुछ भी नहीं हुआ था। सजा मिलते ही उनके साथ वैसा ही सलूक हुआ जैसे एक आम आदमी के साथ होता है। खैर उस मामले के बाद राहुल ने गुजरात की हाईकोर्ट में भी अपील की थी, लेकिन वहां से भी उन्हें निराशा ही मिली। ऐसे में उनके पास अब सिर्फ सुप्रीम कोर्ट ही जाने का विकल्प मौजूद था। सुप्रीम कोर्ट वो गए भी। जिसकी सुनवाई 4 अगस्त को हुई। सुप्रीम कोर्ट के तीन जजों की बेंच ने उनकी सजा पर रोक लगा दी। उनकी सजा पर रोक लगते ही कांग्रेसियों के चेहरे खिल उठे। जबकि कुछ दिन पहले पूरे देश ने शायद यह मान लिया था कि राहुल गांधी 2024 का लोकसभा चुनाव नहीं लड़ पाएंगे। अब सब कुछ हो गया। यह तय है कि सुप्रीम कोर्ट से भी राहुल गांधी को दो साल की सजा नहीं मिलेगी।
क्योंकि सुप्रीम कोर्ट ने निचली अदालत और गुजरात हाईकोर्ट के आदेश को लेकर जो टिप्पणी की है, उसके मुताबिक़ गुजरात की दोनों कोर्टों के आदेश में एक बात स्पष्ट नहीं है कि दो साल की सजा सुनाते समय किस गंभीर मामले को देखा गया। यानि उस मामले में उन्हें अधिकतम सजा देने की वजह क्या थी। सुप्रीम कोर्ट की यह टिप्पणी बताने के लिए प्रायप्त है कि उन्हें अब दो साल की सजा नहीं मिलेगी। ऐसे में उनकी सदस्यता पर अब कोई खतरा नहीं है। अगर वो जेल जाते भी हैं तो वो चुनाव लड़ सकते हैं। लेकिन राहुल का जेल जाना इतना आसान नहीं है। बीजेपी कभी भी नहीं चाहेगी कि राहुल गांधी अब जेल जाएँ। उनके जेल जाने का मतलब बीजेपी का नुकसान। ऐसे में पूरी उम्मीद है कि अब सुप्रीम कोर्ट का मामला चुनाव बाद तक ऐसे ही चलता रहेगा। फिलहाल इस समय सबसे बड़ा सवाल यह है कि राहुल गांधी इस मानसून सत्र में बोलते हुए दीखते हैं की नहीं।
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