नूंह हिंसा की पहले से जानकारी थी, एक इंस्पेक्टर ने क्यों कहीं ऐसी बातें ?
आमतौर पर किसी भी बड़े वारदात या बड़ी संभावित घटना को लेकर खुफिया विभाग, शासन,प्रशासन और पुलिस के उच्च अधकारियों को कुछ न कुछ इनपुट देता है।
![]() हरियाणा के गृहमंत्री अनिल विज |
हरियाणा के नूंह जिले में भी कुछ ऐसा ही हुआ होगा। लेकिन वहां के गृहमंत्री अनिल विज और हरियाणा के डीजीपी इस बात से हमेशा इंकार करते रहे कि उन्हें नूंह में हुई हिंसा की पहले से कोई जानकारी मिली थी। अब जब एक सीआईडी इंस्पेक्टर का वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें इंस्पेक्टर कहता हुआ नजर आ रहा है कि उसे नूंह में होने वाली हिंसा की जानकारी पहले से ही थी, तब सबकी बोलती बंद हो गई है। ऐसे में सवाल यह पैदा होता है कि इंस्पेक्टर गलत बोल रहा है या फिर सरकार या वहां की पुलिस सब कुछ जानते हुए अपनी गलतियों पर पर्दा डालने का प्रयास कर रही है। सीआईडी का इंसपेक्टर राज्य सरकार के ही अधीन होता है। बावजूद इसके उसने अपने इनपुट की जानकारी किसी को क्यों नहीं दी।
बीते 31 जुलाई को इतनी बड़ी हिंसा हुई और उसकी पहले से किसी को जानकारी नहीं हुई। नूंह हिंसा को पूर्व नियोजित बताते हुए हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज ने शनिवार को कहा कि उन्हें 31 जुलाई की हिंसा पर कोई खुफिया इनपुट साझा नहीं की गई थी और यहां तक कि पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) ने भी उन्हें सूचित किया था कि उनके पास भी ऐसी कोई जानकारी नहीं है। उन्होंने कहा, ''मुझसे कोई खुफिया इनपुट साझा नहीं किया गया। मैंने एसीएस (गृह) और डीजीपी से भी पूछा था और उन्होंने कहा कि उनके पास भी जानकारी नहीं है।नूंह हिंसा पर विज ने कहा, ''अब एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें एक सीआईडी इंस्पेक्टर ने दावा किया है कि उसे सब कुछ पहले से पता था। अगर उसे पता था तो उसने इसकी जानकारी किसे दी। राज्य के गृह मंत्री को हिंसा के पीछे बड़े गेम प्लान की आशंका है।
उन्होंने कहा, ''लोग मंदिरों के बगल की पहाड़ियों पर चढ़ गए, उनके हाथों में लाठियां थीं और एंट्री प्वाइंट्स पर इकट्ठा हो गए, यह सब एक उचित योजना के बिना संभव नहीं है। गोलियां चलीं...ये सब एक योजना का हिस्सा है। गहन जांच किए बिना हम किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुंचेंगे। राज्य के गृह मंत्री का यह ब्यान हास्यस्पद लगता है। नूंह हिंसा के पीछे वो किसी साजिस की बात कर रहे हैं, तो क्या साजिश पुलिस वालों ने की है ? अगर सीआईडी इंस्पेक्टर की बातें सहीं हैं तो फिर यह मान लिया जाय कि पुलिस की जानकारी में यह सब कुछ हुआ है और पुलिस ने उसे हल्के में ले लिया होगा। आज जब बात इतनी आगे बढ़ गई तो सब अंजान बनने की कोशिश कर रहे हैं। गृहमंत्री अनिल विज अपने ब्यानों के ज़रिए किसकी तरफ इशारा कर रहे हैं। उनके बयानों से एक बात तो स्पष्ट हो जाती है कि उनकी अपने ही विभाग पर अब कोई पकड़ नहीं है। अगर गृहमंत्री वाकई मजबूत हैं, तो उन्हें अब कम से कम गंभीर पहल करते हुए यह जरूर पता लगवाना चाहिए कि इतनी बड़ी हिंसा के पीछे किसकी साजिश थी। यही नहीं साजिशकर्ता को गिरफ्तार कर उसे कड़ी से कड़ी सजा दिलवाने की कोशिश करनी चाहिए।
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