Parliament Session: संसद में आज पेश नहीं होगा दिल्ली सेवा विधेयक
दिल्ली सरकार के अधिकारों और सेवा से जुड़े विधेयक की सोमवार को लोक सभा में पेश होने की संभावना नहीं है।
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इस बारे में केंद्रीय कानून एवं संसदीय कार्य राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल और प्रह्लाद जोशी ने जवाब दिया। प्रह्लाद जोशी ने कहा...
जब बिल (दिल्ली अध्यादेश विधेयक) आएगा तब आपको बताएंगे। आज व्यवसायों की सूची में इसका उल्लेख नहीं है तो आज बिल नहीं आएगा... 10 कार्य दिवस के अंदर अविश्वास प्रस्ताव लाया जाएगा: संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी pic.twitter.com/gADKx28cET
— ANI_HindiNews (@AHindinews) July 31, 2023
दिल्ली अध्यादेश बिल के बारे में केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने कहा कि ‘केवल आज कामकाज की सूची में शामिल बिलों को को ही संसद में पेश किया जाएगा। जब अध्यादेश विधेयक सूची में होगा, तो हम इसकी सूचना देंगे।’ उन्होंने यह भी कहा कि ‘पहले दिन से विपक्ष की मांग मणिपुर पर चर्चा कराने की थी और जब हम इस पर सहमत हुए, तो अब उन्होंने अपनी मांग बदल दी है। अब वे चाहते हैं कि प्रधानमंत्री इस मुद्दे पर बोलेंन वे कोशिश कर रहे हैं इस मुद्दे का राजनीतिकरण करें। वे अविश्वास प्रस्ताव लाए हैं, जब भी अध्यक्ष निर्णय लेंगे हम उस पर चर्चा करेंगे।’
हमने जब उनकी मणिपुर पर चर्चा की मांग को स्वीकार किया तो उन्होंने प्रधानमंत्री के सदन में आकर जवाब देने की मांग रखी। विपक्ष की ज़िम्मेदारी है कि मसला शांतिपूर्ण समाधान की तरफ बढ़े। वे ऐसे मसले पर भी राजनीति कर रहे हैं... आज जो बिल लगे हैं वह आएंगे। जब बिल (दिल्ली अध्यादेश बिल)… pic.twitter.com/i7LoT052wn
— ANI_HindiNews (@AHindinews) July 31, 2023
आपको बता दें कि, दिल्ली सरकार के अधिकारों और सेवा से जुड़े विधेयक की कॉपी सांसदों को सर्कुलेट हो जाने के बाद से ही यह कयास लगाया जाने लगा था कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह आज लोकसभा में इस बिल को पेश कर सकते हैं लेकिन मेघवाल ने आज पेश होने की संभावना को नकार दिया है।
इसके साथ ही विपक्षी दलों पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि मणिपुर पर सरकार चर्चा के लिए तैयार है लेकिन वे इतने संवेदनशील विषय पर भी राजनीति कर रहे हैं।
उन्होंने यह भी कहा कि अविश्वास प्रस्ताव पर स्पीकर जब भी समय निर्धारित करेंगे, सरकार चर्चा के लिए तैयार है।
उन्होंने कहा कि नियमों के मुताबिक , इस पर 10 दिन के अंदर चर्चा होगी और जहां तक पॉलिसी मैटर या विधेयकों की बात है, अगर विपक्ष को लगता है कि उनके पास बहुमत है तो वो बिल गिरा दें। उनके पास बहुमत नहीं है, इसलिए यह लगता है कि वो किसी और मकसद से यह अविश्वास प्रस्ताव लेकर आए हैं।
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