अरुणाचल प्रदेश विधानसभा को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति ने कहा, अनुशासन और मर्यादा संसदीय प्रणाली की पहचान

Last Updated 21 Feb 2023 03:42:43 PM IST

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने मंगलवार को कहा कि अनुशासन और मर्यादा संसदीय प्रणाली की पहचान हैं तथा यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि चर्चा की सामग्री एवं गुणवत्ता उच्चतम स्तर की हो।


राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू

अरुणाचल प्रदेश विधानसभा के विशेष सत्र को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति ने कहा, ‘‘अरुणाचल प्रदेश की विधानसभा सहित सभी राज्यों की विधानसभाओं तथा जन-प्रतिनिधित्व की अन्य संस्थाओं में महिलाओं की भागीदारी बढ़नी चाहिए। मेरा मानना है कि हमारे देश के समग्र और समावेशी विकास के लिए हर कार्य क्षेत्र में महिलाओं की भागीदारी और अधिक होनी चाहिए।’’

उन्होंने कहा, ‘‘अनुशासन और मर्यादा संसदीय प्रणाली की पहचान हैं। हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि चर्चा की सामग्री और गुणवत्ता उच्चतम स्तर की हो। साथ ही हमें विकास और जन-कल्याण के मुद्दों पर आम सहमति बनाने की जरूरत है।’’

राष्ट्रपति ने कहा कि अरुणाचल प्रदेश की संस्कृति, विविधता और प्राकृतिक सुंदरता, इस राज्य को भारत में एक विशेष स्थान प्रदान करती है।
 उन्होंने कहा कि आज पूरा देश अरुणाचल प्रदेश की ओर यहां की क्षमता तथा यहां के लोगों की उपलब्धियों के कारण नई दृष्टि से देख रहा है।

मुर्मू ने कहा कि अरुणाचल प्रदेश में देश में ‘प्रकृति के प्रथम कटोरे’ के रूप में उभरने की क्षमता है। उन्होंने कहा कि यह राज्य ‘खासी मंदारिन’ संतरे और कीवी उत्पादन में पहले स्थान पर है जबकि बड़ी इलायची के उत्पादन में इसका देश में दूसरा स्थान है।

उन्होंने कहा कि अरुणाचल की इस धरती पर सदियों से स्व-शासन और जमीनी लोकतंत्र की एक जीवंत प्रणाली विद्यमान है।

राष्ट्रपति ने कहा कि आदिवासी संस्कृति अपने समूह की आकांक्षाओं को पूरा करने में निष्पक्ष, पारदर्शी और जवाबदेह बनकर सच्चे लोकतंत्र और सुशासन के मूल सिद्धांतों को आत्मसात करती है।

उन्होंने कहा कि अरुणाचल प्रदेश ने पक्के घोषणापत्र के माध्यम से जलवायु परिवर्तन के लिए प्रतिबद्धता दिखाने का संकल्प लिया है।

मुर्मू ने कहा, ‘‘मुझे आशा है कि अन्य राज्य भी इससे प्रेरणा लेते हुए इस मॉडल को अपनाने की दिशा में आगे बढ़ेंगे।’’

भाषा
ईटानगर


Post You May Like..!!

Latest News

Entertainment