नए साल के पहले सप्ताह में उत्तर-पश्चिम भारत के अधिकतर इलाकों में लोगों को घने कोहरे और शीत लहर का सामना करना पड़ सकता है।
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भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने बुधवार को यह जानकारी दी।
आईएमडी के मुताबिक, अगले 48 घंटे तक लोगों को कुछ राहत मिलेगी लेकिन 31 दिसंबर से घने कोहरे और शीत लहर का प्रकोप बढ़ेगा।
उसने बताया कि अगले दो दिनों के दौरान उत्तर-पश्चिम भारत के मैदानी इलाकों में न्यूनतम तापमान में 2-3 डिग्री सेल्सियस की क्रमिक वृद्धि की संभावना है लेकिन उसके बाद इसमें 2-3 डिग्री की गिरावट आ सकती है।
आईएमडी ने कहा कि 29 दिसम्बर को पंजाब के कुछ हिस्सों में शीत लहर चलने की संभावना है और एक तथा दो जनवरी को पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़, दिल्ली और उत्तरी राजस्थान में अलग-अलग हिस्सों में शीत लहर की स्थिति रहेगी। इस दौरान हरियाणा, चंडीगढ़, दिल्ली, उत्तर प्रदेश और उत्तरी राजस्थान में घना कोहरा छाया रहेगा।
विभाग के मुताबिक, पिछले 24 घंटे में राजस्थान के चुरु में सबसे अधिक ठंड रही। मंगलवार रात वहां पारा लुढ़ककर 0.6 डिग्री पर पहुंच गया।
इस दौरान पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ, दिल्ली, राजस्थान, उत्तर प्रदेश और आसपास के उत्तरी मध्य प्रदेश के कई हिस्सों में न्यूनतम तापमान 3-7 डिग्री सेल्सियस के बीच रहा।
आईएमडी ने अपने ताजा बुलेटिन में कहा कि पंजाब के अधिकतर हिस्सों, हरियाणा के कई हिस्सों और उत्तर प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों में बुधवार को सुबह अत्यधिक घना कोहरा छाया रहा जबकि उत्तराखंड, ओडिशा, उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल और सिक्किम, बिहार और त्रिपुरा के छिटपुट इलाकों में घना कोहरा छाया रहा।
इस बीच, राष्ट्रीय राजधानी में बुधवार को लोगों को ठंड से थोड़ी राहत मिली, हालांकि यह राहत महज कुछ दिन की है और जनवरी में ठंड का प्रकोप फिर बढ़ने के आसार हैं।
रेलवे के एक प्रवक्ता ने बताया कि घने कोहरे के कारण दिल्ली जाने वाली 14 ट्रेनें देरी से चल रही हैं।
सफदरजंग वेधशाला में बुधवार को न्यूनतम तापमान 6.3 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। मंगलवार को न्यूनतम तापमान 5.6 डिग्री सेल्सियस और सोमवार को पांच डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था।
धर्मशाला में मंगलवार को न्यूनतम तापमान 6.2 डिग्री सेल्सियस, देहरादून में सात डिग्री सेल्सियस और नैनीताल में 7.2 डिग्री सेल्सियस था, जबकि दिल्ली में इनके मुकाबले मंगलवार को न्यूनतम तापमान 5.6 डिग्री सेल्सियस था।
मौसम वैज्ञानिकों ने दिन के तापमान में इस गिरावट के लिए मैदानी इलाकों से गुजरने वाली उत्तर-पश्चिमी ठंडी हवाओं और कोहरे के मौसम के कारण कम धूप निकलने को जिम्मेदार ठहराया है।
‘स्काईमेट वेदर’ के मौसम विज्ञान एवं जलवायु परिवर्तन संबंधी विभाग के उपाध्यक्ष महेश पलावत ने बताया कि पश्चिमी विक्षोभ के कारण 25-26 दिसंबर को पहाड़ों में फिर से बर्फबारी हुई, जिसके बाद उत्तर-पश्चिमी ठंडी हवाएं अब मैदानी इलाकों में बह रही हैं।
विभाग के अनुसार, ‘ठंडा दिन’ तब माना जाता है जब न्यूनतम तापमान 10 डिग्री सेल्सियस या उससे कम रहे और अधिकतम तापमान सामान्य से कम से कम 4.5 डिग्री सेल्सियस कम दर्ज किया जाए। अधिकतम तापमान के सामान्य से 6.5 डिग्री या उससे अधिक कम होने पर उसे ‘बेहद ठंडा दिन’ माना जाता है।
पलावत ने कहा कि उत्तर-पश्चिमी भारत में शीतलहर की स्थिति बुधवार से ताजा पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव में समाप्त हो जाएगी। हालांकि यह राहत महज कुछ दिन ही रहने की संभावना है।
उन्होंने बताया कि पश्चिमी विक्षोभ के बाद न्यूनतम तापमान फिर गिरेगा।
दिल्ली में सोमवार को ‘बेहद ठंडा दिन’ था, क्योंकि अधिकतम तापमान कुछ स्थानों पर सामान्य से 10 डिग्री कम दर्ज किया गया था।
सफदरजंग वेधशाला में सोमवार को अधिकतम तापमान सामान्य से छह डिग्री कम 15.6 डिग्री सेल्सियस रहा। यह 17 दिसंबर 2020 के बाद से दिसंबर में इस तारीख को दर्ज सबसे कम तापमान था। वहीं मंगलवार को अधिकतम तापमान सामान्य से तीन डिग्री कम 17.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था। बुधवार को इसके 19 डिग्री सेल्सियस के आसपास और बृहस्पतिवार को 20 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहने की संभावना है।
भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के एक अधिकारी ने बताया कि दिल्ली-एनसीआर (राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र) सहित पूरे उत्तर भारत में बुधवार को सुबह कोहरे का असर कम रहा।
अधिकारी ने कहा, ‘‘दिल्ली और उत्तर प्रदेश के सभी हवाईअड्डों पर केवल हल्का कोहरा छाया रहा। चंडीगढ़ में भी हल्का कोहरा रहा। हालांकि, पठानकोट, जम्मू और अमृतसर में आज घना कोहरा छाया रहा।’’
आईएमडी के अनुसार, दृश्यता शून्य से 50 मीटर के बीच रहने पर ‘बेहद घना कोहरा’, 51 मीटर से 200 मीटर के बीच ‘घना कोहरा’, 201 मीटर से 500 मीटर के बीच ‘मध्यम कोहरा’ और 501 से 1,000 मीटर के बीच रहने पर ‘हल्का कोहरा’ माना जाता है।
आईएमडी के अनुसार, न्यूनतम तापमान चार डिग्री सेल्सियस तक पहुंचने पर शीत लहर की घोषणा की जाती है। शीतलहर की घोषणा तब भी की जाती है जब न्यूनतम तापमान 10 डिग्री सेल्सियस या उससे कम हो और सामान्य से 4.5 डिग्री कम हो।
न्यूनतम तापमान के दो डिग्री सेल्सियस रहने या सामान्य से 6.4 डिग्री सेल्सियस से कम रहने पर ‘भीषण’ शीतलहर की घोषणा की जाती है।
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