नौसेना के जहाजों और पनडुब्बियों को खींचने वाली नौकाओं का निर्माण शुरू

Last Updated 10 Jun 2022 11:28:57 PM IST

नौसेना के जहाजों और पनडुब्बियों के लिए तीन 25 टन बोलार्ड पुल टग्स- जहाजों को खींचने वाली नौकाओं का निर्माण किया जा रहा है।


नौसेना के जहाजों और पनडुब्बियों को खींचने वाली नौकाओं का निर्माण शुरू

सभी तीन 25टी बोलार्ड पुल टग्स (यार्ड 305 - महाबली, यार्ड 306 - बलजीत और यार्ड 307 - बजरंग) के लिए निर्माण कार्य का कार्य 10 जून को गुजरात में भरूच के शुरू किया गया है। यहां इसका शुभारंभ मेसर्स शॉफ्ट शिपयार्ड प्राइवेट लिमिटेड में युद्धपोत उत्पादन अधीक्षक (मुंबई) कमोडोर सुनील कौशिक द्वारा किया गया। स्वदेशी विनिमार्ताओं से प्राप्त सभी प्रमुख और सहायक उपकरण प्रणालियों के साथ ये नौकाएं रक्षा मंत्रालय की मेक इन इंडिया, मेक फॉर द वल्र्ड पहल के गौरवशाली ध्वजवाहक हैं।

तीन 25 टन बोलार्ड पुल टग्स- जहाजों को खींचने वाली नौकाओं के निर्माण का अनुबंध 12 नवंबर, 2021 को भारत सरकार की आत्मनिर्भर भारत पहल के तहत 84.75 करोड़ रुपये की लागत से मेसर्स शा़फ्ट शिपयार्ड प्राइवेट लिमिटेड के साथ किया गया था। ये नौकाएं 30 वर्ष के सेवाकाल की समयावधि के लिए बनाई जा रही हैं।

केंद्रीय रक्षा मंत्रालय के मुताबिक यह नौसेना के जहाजों और पनडुब्बियों के लंगर डालने व लंगर हटाने तथा सीमित जलक्षेत्र में युद्धाभ्यास करने में सहायता करने में सक्षम होंगी। ये टगबोट नौसेना के पोतों के साथ और लंगरगाह में जलपोत अग्निशामक सहायता भी प्रदान करेंगे तथा सीमित खोज एवं बचाव कार्यों के लिए अपनी क्षमताएं प्रस्तुत करेंगे।

इसके साथ ही केंद्रीय रक्षा मंत्रालय ने बताया कि भारत सरकार ने समुद्र में तैनात भारतीय नौसेना के कर्मियों के लिए जोखिम और कठिनाई हेतु दिए जाने वाले भत्तों में संशोधन को लागू किया है। भारत सरकार द्वारा समुद्र में तैनाती के दौरान भारतीय नौसेना के कर्मियों के सामने आने वाले जोखिम और कठिनाइयों (सी गोइंग अलाउंस) के प्रतिपूरक भत्ते के संबंध में मौजूदा विसंगति को दूर करने के लिए एक ऐतिहासिक निर्णय लिया गया है।

रक्षा मंत्रालय का कहना है कि यह समुद्र में तैनात नौसेना कर्मियों के संकल्प एवं मनोबल को और बढ़ाएगा। खास तौर पर जो हिंद महासागर तथा उसके बाहर भी हमारे समुद्री हितों की रक्षा करते हुए उच्च जोखिम वाले क्षेत्रों, एंटी-पायरेसी ऑपरेशन, समुद्री सुरक्षा तथा आईएमबीएल गश्त आदि में संचालन के लिए अपनी सेवाएं दे रहे हैं।

मंत्रालय के मुताबिक यह आजादी के अमृत महोत्सव वर्ष में हमारे नौसैनिक पुरुषों और महिलाओं द्वारा प्रदान की जा रही सेवाओं की एक उत्कृष्ट प्रतिपूर्ति व मान्यता है।

आईएएनएस
नई दिल्ली


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