कश्मीरी पंडितों के नरसंहार पर भाजपा और फारूक अब्दुल्ला आमने-सामने

Last Updated 22 Mar 2022 04:38:33 PM IST

कश्मीरी पंडितों के नरसंहार के मसले पर भाजपा और जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला आमने सामने आ गए हैं।


फारूक अब्दुल्ला (फाइल फोटो)

भाजपा के आरोपों पर पलटवार करते हुए फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि आरोपी तो लगते रहते हैं, लेकिन इस पूरे मामले का सच सामने लाने के लिए एक आयोग बनाकर जांच करवानी चाहिए। उन पर भाजपा द्वारा लगाए गए आरोप का जवाब देते हुए उन्होंने दोहराया कि जांच आयोग बनाया जाए जहां वो अपना पक्ष रखने को तैयार हैं। हालांकि जिम्मेदारी को लेकर भाजपा द्वारा लगाए गए आरोपों पर मीडिया द्वारा लगातार सवाल पूछे जाने पर फारूक अब्दुल्ला भड़कते हुए भी नजर आए।

दरअसल, भाजपा आईटी सेल के हेड अमित मालवीय ने फारूक अब्दुल्ला द्वारा पेश किए गए जम्मू-कश्मीर प्रवासी अचल संपत्ति अधिनियम के दस्तावेज को शेयर करते हुए ट्वीट कर यह आरोप लगाया था कि उनके मुख्यमंत्री के कार्यकाल में ही कश्मीरी पंडितों का नरसंहार शुरू हो गया था । मालवीय ने ट्वीट कर लिखा , उमर ने दावा किया कि उनके पिता फारूक अब्दुल्ला नरसंहार के लिए जिम्मेदार नहीं थे। यह झूठ था। यह फारूक अब्दुल्ला द्वारा पेश किया गया जम्मू-कश्मीर प्रवासी अचल संपत्ति अधिनियम है, जिसमें पलायन के लिए कट ऑफ की तारीख 1 नवंबर 1989 है।

मालवीय ने इसके लिए तत्कालीन मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला पर निशाना साधते हुए आगे लिखा कि, 18 जनवरी 1990 को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने तक उन्होंने उन 79 दिनों तक क्या किया ?
 

आईएएनएस
नई दिल्ली


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