नीट-पीजी काउंसलिंग : EWS पर आठ लाख वाषिर्क आय की लिमिट स्वीकारेगा केंद्र
केंद्र सरकार ने उच्चतम न्यायालय को सूचित किया है कि उसने आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस) के तहत लाभ हासिल करने के लिए पारिवारिक आय की सीमा आठ लाख रुपये सालाना या इससे कम को कायम रखने के तीन सदस्यीय समिति की अनुशंसा को स्वीकार करने का फैसला किया है।
![]() नीट-पीजी काउंसलिंग मामला |
नीट-पीजी प्रवेश के मामले में दाखिल हलफनामे में केंद्र ने कहा कि समिति ने अनुशंसा की है ‘केवल उन्हीं परिवारों को ईडब्लयूएस कोटे के तहत आरक्षण का लाभ मिले जिनकी पारिवारिक सालाना आय आठ लाख रुपये तक है।’ केंद्र सरकार की ओर से शीर्ष अदालत में सामाजिक न्याय और अधिकारिता विभाग के सचिव आर सुब्रमण्यम ने हलफनामा दाखिल किया है। ‘मैं सम्मान के साथ बताना चाहता हूं कि केंद्र ने समिति की अनुशंसा को स्वीकारने का फैसला किया है जिनमें मानदंडों को लागू करने की अनुशंसा भी शामिल है..।’
उल्लेखनीय है कि इस मुद्दे पर विचार करने के लिए सरकार ने पिछले साल 30 नवम्बर को एक समिति बनाई थी जिसमें पूर्व वित्त सचिव अजय भूषण पांडेय, आईसीएसएसआर में सदस्य सचिव वीके मल्होत्रा और केंद्र के प्रधान आर्थिक सलाहकार संजीव सान्याल शामिल थे। केंद्र सरकार ने यह समिति अदालत को दिए आश्वासन के तहत बनाई थी जिसमें कहा गया था कि वह ईडब्ल्यूएस के तहत लाभ देने के मापदंडों पर विचार करेगी।
समिति ने पिछले साल 31 दिसम्बर को रिपोर्ट सौंपी थी और केंद्र से कहा था, ‘मौजूदा समय में ईडब्ल्यूएस के तहत आरक्षण के लिए आठ लाख रुपये या इससे कम सालाना पारिवारिक आय के मापदंड को कायम रखा जाना चाहिए।’ समिति ने अनुशंसा की, ‘जिस व्यक्ति के परिवार के पास पांच एकड़ या इससे अधिक कृषि भूमि है, उसकी आय कुछ भी हो, उसे ईडब्ल्यूएस से अलग किया जा सकता है। आवासीय संपत्ति के मानदंड को भी हटाया जा सकता है।’
उल्लेखनीय है कि गत 25 नवम्बर को केंद्र सरकार ने शीर्ष अदालत से कहा था कि उसने ईडब्ल्यूएस श्रेणी के तहत प्रवेश और नौकरियों में आरक्षण के लिए आठ लाख रुपये की सालाना आय की अर्हता पर फिर से विचार करने का फैसला किया है और इसी के साथ नीट- पीजी के तहत चिकित्सा पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए काउंसलिंग को चार हफ्ते के लिए स्थगित कर दिया जाएगा। शीर्ष अदालत इस मामले पर 6 जनवरी को सुनवाई करेगी।
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