प्रदूषण पर केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट को दिया सुझाव- वर्क फ्रॉम होम के बदले कार पूलिंग बेहतर विकल्प
केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल एक हलफनामे में कहा है कि वह केंद्र सरकार के कर्मचारियों को घर से काम करने के लिए नहीं सकती क्योंकि कोविड महामारी के बाद कार्यालयों में कामकाज सामान्य होता जा रहा है।
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हालांकि, सरकार की ओर से सुप्रीम कोर्ट में दायर हलफनामे में वर्क फ्रॉम होम के बदले कार पूलिंग का सुझाव दिया गया है।
केंद्र ने एक हलफनामे में कहा कि एनसीआर में केंद्र सरकार के कारोबार के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले वाहनों की संख्या बहुत महत्वपूर्ण नहीं थी, इसलिए "केंद्र सरकार ने फैसला किया कि केंद्र सरकार के कार्यालयों के कामकाज के हालिया सामान्य होते हालात को देखते हुए, कोविड की महामारी के बाद, वर्क फ्रॉम होम डायरेक्शन न पास करने का फायदा वर्क फ्रॉम होम डायरेक्शन से मिलने वाले फायदों से अधिक होगा।"
Air pollution in Delhi-NCR | Centre expresses unwillingness before the Supreme Court to ask its employees to work from home and instead it has advised its employees in Delhi to resort to carpooling to reduce the number of vehicles used by them for commuting. pic.twitter.com/ET3vQINa2x
— ANI (@ANI) November 17, 2021
हलफनामे में कहा गया है, "इसके बजाय, भारत सरकार के डीओपीटी ने केंद्र सरकार के अधिकारियों और कर्मचारियों के लिए कार पूलिंग और साझा करने के लिए एक सलाह जारी की है ताकि अधिकारियों और कर्मचारियों के आने-जाने के लिए केंद्र सरकार के वाहनों की संख्या काफी हद तक कम हो सके।"
केंद्र ने दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण कम करने के लिए आवश्यक सामानों को लाने वाले वाहनों के अलावा सभी ट्रकों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगाने, स्कूलों को बंद करने और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली के कार्यालयों में 50 प्रतिशत उपस्थिति समेत कई उपायों का बुधवार को उच्चतम न्यायालय में सुझाव दिया।
केंद्र की दलीलों पर गौर करते हुए उच्चतम न्यायालय ने दिल्ली और एनसीआर राज्यों को वायु प्रदूषण पर लगाम लगाने के लिए मंगलवार को हुई बैठक में लिए इन फैसलों का पालन करने का निर्देश दिया।
प्रधान न्यायाधीश एन वी रमण, न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति सूर्यकांत की तीन सदस्यीय पीठ ने मामले पर अगली सुनवाई के लिए 24 नवंबर की तारीख तय की। इससे पहले सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि विभिन्न कदम उठाए गए हैं और उन्होंने इस मामले में कोई बहुत कड़ा आदेश नहीं देने का अनुरोध किया।
सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने पीठ से कहा कि हरियाणा, पंजाब, उत्तर प्रदेश और दिल्ली के मुख्य सचिवों की एक बैठक मंगलवार को हुई।
मेहता ने पीठ को बताया कि केंद्र सरकार के अधिकारियों के लिए घर से काम करने के मुद्दे पर विचार किया गया लेकिन उसके अधिकारियों द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले कुल वाहन ज्यादा नहीं हैं इसलिए घर से काम करने के बजाय हमने पूलिंग और वाहनों को साझा करने के लिए परामर्श जारी किया है।
केंद्र ने राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार के कार्यालयों में 50 प्रतिशत उपस्थिति का भी सुझाव दिया। मामले की सुनवाई अभी चल रही है।
प्राधिकारियों ने बताया कि दिल्ली-राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में बुधवार सुबह वायु गुणवत्ता बहुत खराब श्रेणी में दर्ज की गयी और रविवार तक इसमें सुधार की संभावना नहीं है।
उच्चतम न्यायालय पर्यावरण कार्यकर्ता आदित्य दुबे और कानून के छात्र अमन बंका की याचिका पर सुनवाई कर रहा है, जिन्होंने छोटे और मध्यम किसानां को पराली हटाने वाली मशीनें निशुल्क उपलबध कराने के निर्देश देने का अनुरोध किया है।
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