Nepal Crisis: हिंसक प्रदर्शनों के बाद काठमांडू घाटी में पुलिस ने धीरे-धीरे बहाल किया कामकाज

Last Updated 12 Sep 2025 01:30:55 PM IST

नेपाल का पुलिस बल इस सप्ताह की शुरुआत में हुए सरकार विरोधी हिंसक प्रदर्शन के दौरान थानों और चौकियों में तोड़फोड़ या आग लगाने की घटनाओं के बाद धीरे-धीरे कामकाज बहाल कर रहा है। अधिकारियों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।


काठमांडू घाटी के पुलिस कार्यालय ने बताया कि छात्रों के नेतृत्व में हुए हिंसक प्रदर्शनों में क्षतिग्रस्त हुए थाने, चौकियां और इकाइयां धीरे-धीरे फिर से खोली जा रही हैं, तथा नेपाल पुलिस और सशस्त्र पुलिस बल के जवान घाटी में सड़कों और चौकियों के आसपास फिर से दिखाई देने लगे हैं।

घाटी में दर्जनों पुलिस थानों में तोड़फोड़ की गई और उन्हें क्षतिग्रस्त कर दिया गया था। हालांकि, अभी सटीक संख्या की पुष्टि नहीं हुई है।

स्थानीय समाचार पोर्टल ने रानीपोखरी स्थित काठमांडू घाटी पुलिस कार्यालय के प्रवक्ता वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक शेखर खनाल के हवाले से कहा, ‘‘ऐसी घटनाओं के सटीक आंकड़े अभी उपलब्ध नहीं हैं।’’

खनाल ने कहा कि पुलिसकर्मी अपनी चौकियों पर लौट रहे हैं और उपलब्ध संसाधनों के साथ काम पर लौट रहे हैं। उन्होंने बताया कि स्थानीय लोग घाटी के कई इलाकों में क्षतिग्रस्त पुलिस थानों के पुनर्निर्माण में भी मदद कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि सामुदायिक नेताओं ने भी जनता से मरम्मत और सफाई के काम में मदद करने का आग्रह किया है।

प्रदर्शनकारियों के हमले के बाद कई पुलिसकर्मियों ने सेना की बैरकों में शरण ली थी। बाद में नेपाली सेना ने व्यवस्था बहाल करने के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा की ज़िम्मेदारी संभाली।

भ्रष्टाचार और सोशल मीडिया पर सरकार के प्रतिबंध के खिलाफ सोमवार को ‘जेन-जेड’ द्वारा किए गए प्रदर्शन के दौरान पुलिस कार्रवाई में कम से कम 19 लोगों की मौत के बाद सैकड़ों प्रदर्शनकारी प्रधानमंत्री के पी शर्मा ओली के इस्तीफे की मांग को लेकर उनके कार्यालय में घुस गए थे जिसके तुरंत बाद मंगलवार को उन्होंने पद से इस्तीफा दे दिया। सोशल मीडिया पर प्रतिबंध सोमवार रात हटा लिया गया था।

नेपाल में सोशल मीडिया पर प्रतिबंध लगाए जाने के विरोध में ‘जेन ज़ेड’ के बैनर तले स्कूली छात्रों समेत हजारों युवाओं ने प्रतिबंध को तुरंत हटाने की मांग करते हुए सरकार के खिलाफ आंदोलन छेड़ा। सोशल मीडिया पर लगा प्रतिबंध तो हटा लिया गया लेकिन ‘जेन जे़ड’ के आंदोलन के बाद हिमालयी देश में सियासी उथल-पुथल शुरु हो गई। प्रधानमंत्री के पी शर्मा ओली के इस्तीफे के बाद फिलहाल देश की कमान सेना के हाथों में है।

वर्ष 1997 से लेकर 2012 तक के बीच जन्में युवाओं को आम तौर पर जेन जेड पीढ़ी के नाम से जाना जाता है।

हालांकि, ओली के इस्तीफे के बाद भी प्रदर्शन जारी रहा। प्रदर्शनकारियों ने संसद, राष्ट्रपति कार्यालय, प्रधानमंत्री आवास, सरकारी इमारतों, राजनीतिक दलों के कार्यालयों और वरिष्ठ नेताओं के घरों में आग लगा दी थी।

स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, सोमवार और मंगलवार को हुए विरोध प्रदर्शनों के दौरान अब तक मरने वालों की संख्या बढ़कर 34 हो गई है।
 

भाषा
काठमांडू


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