राफेल करार में रिश्वत दिए जाने के नए दावे
फ्रांसीसी खोजी पत्रिका मीडियापार्ट ने नए दावे किए हैं कि कथित तौर पर फर्जी बिलों का इस्तेमाल किया गया था, जिसने फ्रांसीसी विमान निर्माता कंपनी दसॉल्ट एविएशन को भारत के साथ राफेल सौदे को अंतिम रूप देने में मदद करने के लिए एक बिचौलिए को 75 लाख यूरो का गुप्त कमीशन देने में सक्षम बनाया।
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पत्रिका ने जुलाई में खबर दी थी कि 36 राफेल लड़ाकू विमानों की आपूर्ति के लिए भारत के साथ 59,000 करोड़ रुपये के अंतर-सरकारी सौदे में संदिग्ध भ्रष्टाचार और पक्षपात की ‘अत्यधिक संवेदनशील’ न्यायिक जांच का नेतृत्व करने के लिए एक फ्रांसीसी न्यायाधीश को नियुक्त किया गया है।
रक्षा मंत्रालय या दसॉल्ट एविएशन की ओर से इस ताजा रिपोर्ट पर अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।
पत्रिका ने अपनी नई रिपोर्ट में रविवार को कहा, मीडियापार्ट जल्द कथित फर्जी बिल प्रकाशित कर रही है, जिससे फ्रांसीसी विमान निर्माता दसॉल्ट एविएशन भारत को 36 राफेल लड़ाकू विमानों की बिक्री को अंतिम रूप देने में मदद करने के लिए एक बिचौलिए को 75 लाख यूरो के गुप्त कमीशन का भुगतान करने में सक्षम हो सकी।
पत्रिका ने आरोप लगाया कि ‘ऐसे दस्तावेजों’ के होने के बावजूद भारतीय जांच एजेंसियों ने मामले में आगे नहीं बढ़ने का फैसला किया।
रिपोर्ट में दावा किया गया है, इसमें अपतटीय कंपनियां, संदिग्ध अनुबंध और ‘फर्जी’ बिल शामिल हैं।
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