दोस्त चीन की मदद से तोपखाना बढ़ा रहा पाक
भारत के तेवरों से डरा पाकिस्तान धीरे-धीरे आर्थिक रूप से ड्रैगन के जबड़े में फंसकर खुद को चीन का गुलाम बना रहा है।
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गुलामी की राह पर चल पड़ा पाकिस्तान अब चीन के सहारे पीओके बचाने की कोशिश में जुटा है। वह अपने तोपखाने में भी चीन की मदद से इजाफा कर रहा है। खुफिया रिपोटरे के अनुसार, पाकिस्तान चीन से 155/52 कैलिबर माउंटेड गन सिस्टम भी खरीदने वाला है।
ये डील अंतिम चरण में है। वह चीन की मदद से एसएच-15 तोपों में तकनीकी बदलाव भी कर रहा है। इससे पहले चीन पाकिस्तान को 36 एसएच-1 दे चुका है जबकि अन्य 36 तोपों को जल्द पाकिस्तान खरीदने वाला है।
पाकिस्तान अपनी आर्टीलरी को इसलिए मज़बूत कर रहा है ताकि भारत की मजबूत सेना को वह पहाड़ी इलाकों में चुनौती दे सके।
जमीन पर टैंक की लड़ाई में पाकिस्तान भारत के सामने कहीं नहीं टिक पाएगा। भारत की आर्मर्ड ताकत जबरदस्त है और इसमें वह लगातार इजाफा भी कर रहा है। खुफिया रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तान अपनी इसी कमी को पूरा करने के लिए अपने दोस्त चीन की मदद से अल खालिद -1 टैंक बना रहा है।
पहले चरण में वह कुल 110 टैंक हैवी इंडस्ट्री टैक्सिला में बना रहा है। इसके साथ ही पाकिस्तान चीन से अल खालिद-2 के लिए 1500 एच डीजल इंजन भी लेने वाला है।
इसके बाद पाकिस्तान की टैंक की ताकत में इजाफा हो जाएगा। इतना ही नहीं चीन के एशिया पैसेफिक डिपार्टमेंट के चाइना नॉर्थ इंडस्ट्रीज कारपोरेशन ने टी-85 टैंकों के आधुनिकीकरण के लिए पाकिस्तान के सामने प्रस्ताव रखा है। कुल 90 टैंकों के आधुनिकीकरण पर बात चल रही है तो वहीं पाकिस्तान चीन से नए 360 मेन बैटल टैंक वीटी- 4 खरीदने की प्रक्रिया में है।
इसके ट्रायल किए जा चुके है और ये प्रक्रिया अपने अंतिम दौर पर है। इसके अलावा पाक 12.7 एमएम की 750 एंटी एयरक्राफ्ट मशीनगन भी खरीदने जा रहा है। इसके साथ ही पाकिस्तान चीन से इस गन की तकनीक भी लेगा, जिसे ट्रांसफर ऑफ टेक्नोलॉजी कहते हैं।
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