कांग्रेस ने बहुजन समाज पार्टी (बसपा) प्रमुख मायावती पर तीखा हमला करते हुए उन्हें 'भाजपा का प्रवक्ता' बताया।
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यह आरोप लगाने वाला कोई और नहीं, बल्कि कांग्रेस महासचिव पीएल पुनिया हैं, जो एक समय में मायावती के विश्वासपात्र हुआ करते थे।
उन्होंने कहा, "इन दिनों 'ट्विटर बहनजी' जिस भाषा का प्रयोग कर रही हैं, उससे साफ तौर पर स्पष्ट होता है कि वह भाजपा के लिए प्रेस नोट बनाती हैं और उसे भेज देती हैं। मुझे लगता है कि वह कांग्रेस और उसकी महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा के जरूरतमंदों और गरीबों की मदद करने के सक्रिय प्रयासों से नाराज हैं।"
उन्होंने आगे कहा, "बहनजी भाजपा की एक अघोषित प्रवक्ता बन गई हैं और दलितों के खिलाफ अत्याचार की बढ़ती घटनाओं के बावजूद भाजपा के प्रति उनका झुकाव बना हुआ है।"
मायावती ने हाल ही में कांग्रेस सांसद राहुल गांधी के प्रवासी मजदूरों के साथ मुलाकात को 'नाटक' बताया था।
कांग्रेस अनुसूचित जाति सेल के अध्यक्ष बृजलाल खाबरी ने भी बसपा पर भाजपा के साथ मौन सहमति जताने का आरोप लगाया है।
उन्होंने बयान में कहा, "ऐसा लगता है कि बसपा और भाजपा के बीच एक मौन सहमति है, क्योंकि दोनों ने ही गरीब मजदूरों के साथ राहुल गांधी की मुलाकात को नाटक बताया है। पिछले कुछ दिनों में मायावती भाजपा की प्रवक्ता बनकर उभरी हैं।"
यह साफ है कि मायावती पर हमले के लिए कांग्रेस अपने दलित नेताओं का इस्तेमाल कर रही है, ताकि बसपा प्रमुख दलित मुद्दों पर असहज हो जाए।
इस बीच बसपा प्रमुख मायावती ने कहा कि, "हम यह स्पष्ट करना चाहते हैं कि भविष्य के चुनावों में बसपा कभी भी भाजपा के साथ किसी भी प्रकार का गठबंधन नहीं करेगी।"
उन्होंने कहा कि भाजपा गरीबों खासकर प्रवासियों के लिए अनुकूल नीतियों का निर्माण नहीं कर रही है और कांग्रेस के नक्शेकदम पर चल रही है।
मायावती ने कहा कि केंद्र व राज्य में सत्ता में बैठी भाजपा को राज्य में लौटे प्रवासी मजदूरों के लिए रोजगार का सृजन करना चाहिए।
उप्र सरकार के अनुसार, राज्य में करीब 23 लाख प्रवासी मजदूर अब तक लौटे हैं।
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