तब्लीगी जमात का घाटी में दिखा असर

Last Updated 01 Apr 2020 04:58:42 AM IST

नई दिल्ली के निजामुद्दीन में ही नहीं तब्लीगी जमात में कोरोना वायरस फैला है, बल्कि जम्मू-कश्मीर में भी बड़ी संख्या में मामले इसी जमात के कारण पॉजिटिव पाए गए हैं।


तब्लीगी जमात का घाटी में दिखा असर

उत्तर प्रदेश के देवबंद स्थित देवबंद संप्रदाय से जुड़े तबलीगी जमात के कार्यक्रमों में जम्मू-कश्मीर से भी इन लोगों ने भाग लिया। इस बीच मंगलवार को श्रीनगर में छह और मामले पॉजिटिटव दर्ज हुए, जिनमें एक 10 साल का बच्चा भी शामिल है।

कोरोना वायरस को लेकर संघर्ष कर रहे शासन, डॉक्टर, पैरामेडिकल स्टाफ, पुलिस तथा अर्धसैनिक बलों के सामने एक बड़ी चुनौती अभी भी यह बनी हुई है कि तबलीगी जमात से लौटकर पॉजिटिव पाए जाने वाले लोग कितनी बड़ी तादात में अन्य लोगों के संपर्क में आए। इसके अलावा एक और चुनौती है कि जो लोग तब्लीगी जमात से भाग लेकर विदेश तथा देश के अन्य राज्यों से लौटे हैं, वह भी अपना यात्रा विवरण देने से परहेज कर रहे हैं। इसके लिए अब पुलिस व खुफिया विभाग से मदद ली जा रही है, ताकि पता चल सके कि हाल के दिनों में कौन-कौन व्यक्ति यहां से राज्य से बाहर गया।

सूत्रों का कहना है कि देवबंद से लौटे जिस मुस्लिम धर्म प्रचारक की श्रीनगर अस्पताल में पहली मौत हुई, उसके संपर्क में भी काफी बड़ी संख्या में न केवल जम्मू-कश्मीर, बल्कि दिल्ली और उत्तर प्रदेश के लोग भी आ चुके थे। बताया गया कि इस बाबत जानकारी एकत्र करके प्रदेश का शासन दिल्ली तथा उत्तर प्रदेश शासस ने भी जानकारियां साझा कर रहा है, ताकि उन लोगों को भी चिन्हित किया जा सके, जो इस मुस्लिम धर्म प्रचार जिसकी मौत हुई, के संपर्क में आ चुके थे। राजौरी के मंजाकोट के पांच-छह गांव को रेड जोन में घोषित किए जाने के बाद अब घाटी के भी कई गांव रेड जोन में दर्ज किए जा रहे हैं।

सहारा न्यूज ब्यूरो
जम्मू


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