बड़े सुरक्षा अधिकारी आतंकियों के टारगेट पर

Last Updated 14 Jan 2020 02:25:21 AM IST

कश्मीर में बड़े आतंकी हमलों की साजिश में जुटी पाक खुफिया एजेंसी आईएसआई ने अब बिखरे आतंकी संगठनों को एकजुट कर सुरक्षा बलों के उच्च अधिकारियों व सैलानियों को निशाना बनाने का फरमान दिया है।


बड़े सुरक्षा अधिकारी आतंकियों के टारगेट पर

उसने सुरक्षा बलों के छोटे स्तर के कर्मचारियों का सहयोग लेने का भी ताना बुना है।
खुफिया सूत्रों के अनुसार, भारतीय सुरक्षा एजेंसियों के हाथों बड़ी संख्या में आतंकियों के मारे जाने से आईएसआई बौखला गई है। लिहाजा कश्मीर में बड़े आतंकी हमले को अंजाम देने की नई रणनीति के तहत पिछले वर्ष दिसम्बर में उसने कई आतंकी संगठनों के चीफ, जिनमें जमात-उद-दावा व लश्कर चीफ हाफिज सईद, जैश के असगर मसूद व सैयद सलाउद्दीन सहित कई आतंकी सरगना शामिल थे, के साथ एक बैठक की थी। बैठक में पाक सेना के मेजर अखतार महमूद हुसैन भी मौजूद थे। इसमें यह रणनीति बनाई गई कि आतंकी संगठन अगर अलग अलग काम करते हैं तो भारतीय सुरक्षा एजेंसियों के हाथों उनका बचना मुश्किल होगा। इसलिए सारे संगठन एकजुट होकर हमले को अंजाम दें। पाक सेना एक ओर गोलीबारी कर भारतीय सेना व सुरक्षा बलों का ध्यान भटकाएगी और दूसरी ओर आतंकी संगठन अपना काम करते रहें। बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि बड़े अधिकारियों (सुरक्षा),  सैलानियों और बाहरी मजदूरों को तो टारगेट बनाएं, मगर छोटे कर्मचारियों और सुरक्षाकर्मियों से संबंध बनाएं और उनकी मदद करें।

खुफिया सूत्रों के अनुसार, जैश, लश्कर, हिजबुल और अलबदर जैसे आतंकी संगठन अब सक्रिय हो गए हैं। इन संगठनों के कमांडरों की बैठक रामबन, सोपोर, त्राल, बड़गाम और लोलाभ जैसे इलाकों में हो चुकी है। इन कमांडरों में लश्कर का वासिम अहमद, हिजबुल का बारामुला कमांडर मेहराजुद्दीन, डा. सैफुल्ला, पुलवामा में हिजबुल चीफ अरशद उल हक, जैश का आतंकी कमांडर उमर अफगानी और अलबदर का जावेद मट्टू और फैजल उल शाकिब थे। सूत्रों के अनुसार, हिजबुल का डा. सैफ  श्रीनगर और आसपास अपने कैडर को मजबूत करने में लगा है। कई लोगों की उसने हाल में भर्ती भी की है।
सूत्रों के अनुसार, आतंकी संगठन दूसरे राज्यों से सम्पर्क साध रहे हैं ताकि हथियार की अपूर्ति हो। सूत्रों के अनुसार, आईएसआई ने कहा है कि किसी भी तरह से आतंकी हमले करते रहो ताकि वहां दहशत का माहौल रहे। इन आतंकियों को हवाला के जरिए या फिर विदेशों से फंडिंग की जा रही है। यह भी कहा गया है कि अब दो या तीन के गुट में आतंकी रहें।

कुणाल/सहारा न्यूज ब्यूरो
नई दिल्ली


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