ड्रोन का पंजीकरण कराएं या कार्रवाई का सामना करें

Last Updated 14 Jan 2020 06:06:15 AM IST

विमानन मंत्रालय ने मानकों का अनुपालन नहीं करते हुए ड्रोन उड़ाने वाले सभी लोगों के लिये एक स्वैच्छिक पंजीकरण की घोषणा की है और उनसे 31 जनवरी तक ऐसा कराने को कहा गया है।


ड्रोन का पंजीकरण कराएं या कार्रवाई का सामना करें

पंजीकरण नहीं कराने वालों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता और विमान अधिनियम के तहत कार्रवाई की जाएगी। अमेरिकी ड्रोन हमले में शीर्ष ईरानी जनरल कासिम सुलेमानी के मारे जाने के कुछ दिन बाद यह कदम उठाया गया है।
मंत्रालय ने एक नोटिस में कहा, ‘सरकार के संज्ञान में ऐसे ड्रोन और उनका संचालन करने वाले आए हैं, जो सीएआर (नागर विमानन आवश्यकताएं) का अनुपालन नहीं करते।’ इसमें कहा गया, ‘‘असैनिक ड्रोनों और ड्रोन संचालकों की पहचान की सुविधा के लिए ऐसे ड्रोनों और ड्रोन संचालकों को एक बार स्वैच्छिक प्रकटीकरण का अवसर दिया जा रहा है। ड्रोन रखने वाले सभी लोगों को 31 जनवरी, 2020 तक यह प्रक्रिया (ऑनलाइन पंजीकरण की) पूरी करनी होगी।’’ ड्रोन पर फिक्की की एक समिति के सह अध्यक्ष अंकित मेहता ने पिछले साल 22 अक्टूबर को कहा था कि भारत में अवैध ड्रोनों की संख्या 50 से 60 हजार होने की उम्मीद है।

ईरान के विशिष्ट अल-कुद्स बल के प्रमुख मेजर जनरल सुलेमानी तीन जनवरी को उस वक्त अमेरिकी सेना के ड्रोन से किए गए मिसाइल हमले में मारे गए थे, जब उनका काफिला बगदाद अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से निकल रहा था।
भारत सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि इस हमले ने देश में संचालित हो रहे मानकों का अनुपालन नहीं करने वाले सैकड़ों ड्रोन पर कार्रवाई के लिए सरकार को प्रेरित किया। अधिकारी ने कहा, ‘गैटविक हवाई अड्डे पर दिसंबर 2018 में जो हुआ, वह पहले ही हमारे दिमाग में था।’ हीथ्रो के बाद ब्रिटेन के दूसरे सबसे बड़े हवाई अड्डे गैटविक को 19 से 21 दिसंबर 2018 के बीच तब बंद करना पड़ा था, जब उसकी बाहरी दीवारों के आसपास कई ड्रोन उड़ते देखे गए।

भाषा
नई दिल्ली


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