बंद के दौरान पश्चिम बंगाल में हिंसा
केंद्रीय ट्रेड यूनियनों द्वारा आहूत 24 घंटे के भारत बंद का बुधवार को कई राज्यों में व्यापक असर रहा तो कई राज्यों पर इसका मामूली प्रभाव रहा।
![]() कोलकाता : बंद के दौरान प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लेती पुलिस। |
पश्चिम बंगाल में प्रदर्शनकारियों ने बसों को नुकसान पहुंचाया, महत्वपूर्ण सड़कों को अवरुद्ध किया, और रेल पटरियां बाधित कीं। केंद्र सरकार की नीतियों के विरोध में और एनपीआर, सीएए और एनआरसी को खत्म करने की मांग को लेकर यह बंद आहूत किया गया है।
पश्चिम बंगाल के मालदा जिला स्थित सुजापुर में प्रदर्शनकारियों ने एक पुलिस वाहन में आग लगा दी और सुरक्षा बलों पर पत्थर व बम फेंके। वहीं पुलिस ने स्थिति को काबू में करने के लिए प्रदर्शनकारियों पर रबड़ की गोलियां और आंसूगैस के गोले दागे। कलियाचक पुलिस स्टेशन के कर्मियों ने जब बुधवार दोपहर राज्य की राजधानी कोलकाता से लगभग 350 कि.मी. उत्तर में सुजापुर में राष्ट्रीय राजमार्ग-34 पर एक सड़क नाकाबंदी को हटाने की कोशिश की तो यहां स्थिति बिगड़ गई।
हड़ताल समर्थकों ने हिंसक रूप से विरोध करते हुए पथराव किया और उन पर बम भी फेंके। पुलिस ने पहले लाठीचार्ज कर स्थिति को नियंत्रित करने की कोशिश की, लेकिन वह प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने में विफल रहे। इस दौरान उग्र भीड़ ने एक पुलिस वाहन को आग लगा दी।
स्थिति बिगड़ने के साथ पुलिस ने आंसूगैस के गोले दागे और फिर रबड़ की गोलियां दागीं। हिंसक घटना के बाद क्षेत्र में तनाव बना हुआ है। पश्चिम बंगाल में कई दुकानों और व्यावसायिक केंद्र बंद रहे। सड़कों पर लोग, ऑटो रिक्शा और टैक्सी व एप-आधारित टैक्सी कम संख्या में नजर आए। हड़ताली यूनियनों ने बैंक शाखाओं के सामने धरना दिया।
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