चीन से सटी सीमा पर 25 नई चौकियां बनाई
चीन से लगी सीमा पर वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) की पहरेदारी में तैनात आईटीबीपी ने दूरस्थ सीमावर्ती बिंदु तक पहुंचने के लिए अपनी क्षमता को बढ़ाया है।
ITBP महानिदेशक (डीजी) एस एस देसवाल (file photo) |
साथ ही, बर्फ से ढंके इस मोच्रे पर पिछले पांच बरसों में 25 नई चौकियां बनाई गई हैं। एक शीर्ष अधिकारी ने बुधवार को यह जानकारी दी।
भारत-तिब्बत सीमा पुलिस के 58वें स्थापना दिवस की पूर्व संध्या पर इसके महानिदेशक (डीजी) एस एस देसवाल ने पत्रकारों से कहा कि 3,488 किलोमीटर लंबे एलएसी पर भारत और चीन के बीच ‘यथा स्थिति’ कायम है और इसके लिए यह अर्धसैनिक बल पड़ोसी देश की तुलना में ‘बेहतर क्षमता’ निर्माण को लेकर प्रयासरत है।
हाल के दिनों में चीनी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) बलों द्वारा अतिक्रमण या घुसपैठ की घटनाओं के बारे में पूछे जाने पर देसवाल ने इसकी सटीक संख्या बताने से इनकार कर दिया। हालांकि, उन्होंने कहा कि भारतीय बल भी चीनियों की तरह ही मुस्तैद हैं।
देसवाल ने कहा, ‘हमलोग लगातार सीमा चौकियां बढ़ा रहे हैं, हमने गश्त बढ़ाई है और पिछले पांच साल में हमने 25 नई सीमा चौकियां (बीओपी) बनाई हैं।’ पिछले पांच-छह साल में आईटीबीपी ने सीमावर्ती इलाकों में बुनियादी ढांचा एवं सड़क निर्माण में ‘तेजी से वृद्धि’ की है। उन्होंने कहा कि पहले चरण में कुल 270 किलोमीटर लंबी 11 सड़कें बनाई गई हैं। दूसरे चरण में आगामी महीनों में 1,033 किलोमीटर लंबाई की 45 सड़कों निर्माण पूरा होगा। डीजी बल के करीब 90,000 जवानों के प्रमुख हैं।
उन्होंने कहा, ‘हमलोग सीमा पर अपनी निगरानी प्रौद्योगिकी को अपग्रेड कर रहे हैं और हमने कई बुनियादी ढांचों, सीमावर्ती सड़कों, चौकियों का निर्माण किया है तथा उस मोच्रे की ऊंचाई वाली चौकियों पर अत्यधिक क्षमता वाले वाहन भेजे हैं।’ उन्होंने कहा कि सीमा पर तंत्र (चीनी बलों के साथ परस्पर बातचीत) ‘बिल्कुल ठीक’ है और सीमा बिल्कुल सुरक्षित है।
तमिलनाडु के मामल्लापुरम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच हुई हालिया अनौपचारिक शिखर बैठक के बाद दोनों देशों के बीच किसी गतिरोध की खबर के बारे में पूछे जाने पर डीजी ने कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा एवं कूटनीतिक प्रयास अलग-अलग किए गए हैं और इसे इसी परिप्रेक्ष्य में देखना चाहिए।
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