पी. चिदंबरम को बेल फिलहाल जेल में ही रहेंगे
सुप्रीम कोर्ट ने आईएनएक्स मीडिया भ्रष्टाचार मामले में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम को मंगलवार को जमानत दे दी।
पी. चिदंबरम (file photo) |
सीबीआई की ओर से दर्ज इस मामले में गिरफ्तार किए जाने के दो महीने बाद चिदंबरम को यह राहत मिली है, लेकिन उन्हें अभी जेल में ही रहना होगा क्योंकि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने आईएनएक्स मीडिया घोटाले से संबंधित धन शोधन के मामले में उन्हें पहले ही हिरासत में ले लिया है।
न्यायमूर्ति आर भानुमति, न्यायमूर्ति एएस बोपन्ना और न्यायमूर्ति ऋषिकेश रॉय की तीन सदस्यीय खंडपीठ ने चिदंबरम को जमानत प्रदान करते हुए दिल्ली हाई कोर्ट का 30 सितंबर का फैसला निरस्त कर दिया। हाई कोर्ट ने भ्रष्टाचार के इस मामले में चिदंबरम की जमानत याचिका खारिज कर दी थी। कोर्ट ने सीबीआई की इस दलील को दरकिनार कर दिया कि 74 वर्षीय चिदंबरम ने इस मामले में दो प्रमुख गवाहों को प्रभावित करने का प्रयास किया था।
न्यायालय ने कहा कि ऐसा कोई विवरण उपलब्ध नहीं है कि ‘कब, कहां और कैसे इन गवाहों से संपर्क किया गया।’ पीठ ने कहा, ‘इन दो गवाहों से एसएमएस, ईमेल, पत्र या टेलीफोन काल के माध्यम से संपर्क करने के तरीके और इन गवाहों से संपर्क करने वाले व्यक्तियों का कोई विवरण नहीं है।’
पीठ ने चिदंबरम को कुछ शर्तें के साथ जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया है। इसमें उन्हें एक लाख रुपए का मुचलका और इतनी ही राशि के दो जमानती देने के साथ ही अपना पासपोर्ट विशेष अदालत में जमा करना होगा। पीठ ने कहा कि वह विशेष अदालत की अनुमति के बगैर देश से बाहर नहीं जाएंगे।
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