कमलेश के दोनों 'हत्यारे' गिरफ्तार, गुजरात में घुसने की कोशिश के दौरान राजस्थान सीमा से दबोचा गुजरात एटीएस ने

Last Updated 23 Oct 2019 12:17:54 AM IST

गुजरात पुलिस के आतंकवाद निरोधक दस्ते (एटीएस) ने उत्तर प्रदेश के लखनऊ में हिन्दू समाज पार्टी के अध्यक्ष कमलेश तिवारी की सनसनीखेज हत्या के मामले को तेजी से सुलझाने और इसके तीन साजिशकर्ताओं को पकड़ने के बाद अब दोनों हत्यारों को मंगलवार को राजस्थान-गुजरात सीमा पर शामलाजी के निकट से पकड़ लिया।


गुजरात एटीएस की गिरफ्त में दोनों 'हत्यारे'

एटीएस के डीआईजी हिमांशु शुक्ला ने बताया कि सूरत के लिंबायत निवासी मेडिकल रिप्रेजेंटेटिव अशफाक जाकिर हुसैन शेख (34) और सूरत के ही उमरवाड़ा निवासी मोइनुद्दीन खुर्शीद पठान (27), जो पेशे से फूड डिलिवरी ब्वॉय का काम करता था, ने ही इस हत्या को अंजाम दिया था। दोनों को मंगलवार को गुप्त सूचना और तकनीकी निगरानी के आधार पर पकड़ा गया है। 18 अक्टूबर को तिवारी की हत्या के बाद दोनों नेपाल फरार हो गए थे। उन पर ढाई-ढाई लाख के इनाम भी रखे गए थे।

उनके पास पैसे खत्म होने के बाद जब उन्होंने अपने परिजनों और कुछ पहचान वालों से और पैसे के लिए फोन पर संपर्क किया तो उनकी तकनीकी निगरानी शुरू कर दी गई। दोनों दो दिन पहले नेपाल से उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर आए थे और मंगलवार को राजस्थान सीमा से गुजरात में प्रवेश करने वाले थे। तभी उनको पकड़ा गया। उन्होंने शुरुआती पूछताछ में ही हत्या की बात स्वीकार कर ली।

पैगंबर मोहम्मद पर की गई टिप्पणी से क्षुब्ध थे आरोपी

शुक्ला के अनुसार दोनों ने बताया कि तिवारी की ओर से पैगंबर मोहम्मद के संबंध में कथित टिप्पणियों के चलते इस घटना को अंजाम दिया था। उन्होंने बताया कि जरूरी कानूनी औपचारिकता पूरी करने के बाद दोनों को उत्तर प्रदेश पुलिस के हवाले कर दिया जाएगा।
तीन साजिशकर्ता पहले ही हो चुके हैं गिरफ्तार :  ज्ञातव्य है कि इस सनसनीखेज हत्या के मामले को 24 घंटे के भीतर सुलझाते हुए गुजरात एटीएस ने 19 अक्टूबर को ही इसके तीन प्रमुख साजिशकर्ताओं को सूरत से गिरफ्तार कर लिया था और दोनों हत्यारों को भी जल्द गिरफ्तार करने का दावा किया था।

2015 में भी रची थी तिवारी की हत्या की साजिश
एटीएस का दावा है कि पांचों ने वर्ष 2015 में ही तिवारी की हत्या की योजना बनाई थी पर तब ऐसा नहीं हो सका। राशिद बाद में दुबई चला गया और दो साल रह कर लौटा। इन लोगों ने हाल में फिर से यह योजना बनाई और दोनों हत्यारे गत 16 अक्टूबर को सूरत से लखनऊ रवाना हुए थे। पटेल ने बताया कि मौका-ए-वारदात से मिले मिठाई के एक पैकेट को हत्यारे सूरत के उधना की एक दुकान से खरीद कर ले गए थे और तिवारी के फोन से मिले सुराग के आधार पर इस मामले को सुलझाया गया था। 

वार्ता
अहमदाबाद


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