वडोदरा के कई हिस्सों में अब भी भरा हुआ है कई फुट पानी, बचाव कार्य जारी

Last Updated 02 Aug 2019 11:37:32 AM IST

गुजरात के वडोदरा शहर और आसपास में हुई भारी वर्षा के कारण आयी बाढ़ की स्थिति में आज कुछ सुधार दिख रहा है और शहर के कुछ इलाकों से पानी उतर गया है हालांकि अब भी कई निचले इलाके जलमग्न हैं और बचाव का कार्य भी जारी है।


एनडीआरएफ की टीम ने आज भी शहर के एक निजी अस्पताल और अन्य जलमग्न इलाकों से लोगों को निकालकर बचाव कार्य किया।

बचाव एजेंसियों ने 5000 से अधिक लोगों को 26 निचले इलाकों से सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया है।

कल से आज सुबह तक वर्षा नहीं होने से भी राहत कार्य में बाधा नहीं पहुंची है।

उधर, मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने कहा है कि आज दोपहर 12 बजे तक सभी इलाकों में बिजली की आपूर्ति बहाल कर दी जायेगी और पीने के पानी की भी व्यवस्था की जायेगी। वर्षा के दौरान दीवार गिरने से मरे चार लोगों के परिजनों को एक-एक लाख रूपये की सहायता दी जायेगी।

राजकोट में पत्रकारों से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि शहर के बीचोबीच बहने वाली विश्वामित्री नदी और आजवा डैम का जलस्तर घटने से शहर के कई हिस्सों से पानी उतरा है।

वडोदरा शहर में 31 जुलाई को एक ही दिन में 499 मिलीमीटर वर्षा हुई जो उसके सालाना औसत वर्षा का 50 प्रतिशत से भी अधिक है।

शहर के कई हिस्से में अब भी कई फुट पानी भरा हुआ है। प्रशासन ने राहत काम के लिए सेना की दो टुकड़ियां, एनडीआरएफ की पांच और एसडीआरएफ की चार टीमों के अलावा राज्य रिजर्व पुलिस की दो कंपनियों और वडोदरा और सूरत के अग्निशमन विभागों के कर्मियों और स्थानीय पुलिस को लगाया है। वायु सेना भी इस काम में सहयोग कर रही है।

शहर के फतेहगंज, कारेली बाग, मांडवी, पाणी गेट, दांडिया बाजार, रावपुरा टावर, हरिनगर (गोत्री) और समा तरसाली, चाणक्यपुरी, कल्याणपुरी, मकरपुरा आदि इलाकों में घरों में भी पानी  घुस गया था। प्रशासन ने स्कूल और कॉलेजों में आज अवकाश घोषित कर दिया था। राहत और बचाव कार्य जारी है।

विश्वामित्री नदी भी उफान पर है। इसमे बड़ी संख्या में रहने वाले मगरमच्छ भी शहर में बह कर पहुंच गये हैं। कुछ इलाकों में पानी में मगरमच्छ देखे भी गये हैं और ऐसे कम से कम तीन मगरमच्छों को पकड़ा भी जा चुका है।

आपूर्ति की कमी के कारण दूध और अन्य रोजमर्रा की चीजों के लिए आज भी लंबी कतारे भी देखी गयीं।

कल तो कुछ लोगों ने 300 रूपये प्रति लीटर की दर से भी दूध खरीदने का दावा किया था। लोगों को कमर और कंधे तक पानी में चल कर सुरक्षित स्थानों की ओर जाते भी देखा गया। राहत एजेंसियों की ओर से स्थानांतरित लोगों में बड़ी संख्या में महिलाएं और बच्चे भी शामिल हैं।

कई स्थानों पर लोग निचली मंजिल के अपने जलमग्न आवासों को छोड़ ऊपरी मंजिलों पर रह रहे हैं। जिले के मंजूसर औद्योगिक क्षेत्र में भी जलजमाव से उत्पादन पर असर पड़ा है।

तीन दिनों में वडोदरा और आसपास से गुजरने वाली 60 से अधिक ट्रेनें दो दिनों में रद्द या डायवर्ट हो चुकी हैं। हवाई अड्डा भी बाढ़ की वजह से बंद हो गया था। शहर की सिटी  बस सेवा भी चरमरा गयी है।

सयाजीगंज चिड़ियाघर और सरकारी एसएसजी अस्पताल परिसर में भी जलजमाव हो गया था।

वार्ता
वडोदरा


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