बच्चों के साथ यौन अपराध पर मौत की सजा के प्रावधान वाला विधेयक राज्यसभा में पेश
बच्चों के साथ यौन अपराधों की बढती घटना पर काबू के मकसद से सरकार ने बृहस्पतिवार को राज्यसभा में एक विधेयक पेश किया जिसमें ऐसे अपराध में दोषी को मौत की सजा तक का प्रावधान किया गया है।
यौन अपराध पर मौत की सजा के प्रावधान वाला विधेयक |
बच्चों के साथ यौन अपराधों के इस विधेयक में अश्लील प्रयोजनों के लिए बच्चों के उपयोग (चाइल्ड पोर्नोग्राफी) पर काबू के लिए भी प्रावधान किया गया है।
महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने राज्यसभा में लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण (संशोधन) विधेयक, 2019 पेश किया। इस विधेयक में 2012 के मूल कानून में संशोधन का प्रस्ताव किया गया है।
इस विधेयक के कारण एवं उद्देश्यों में कहा गया है कि देश में बाल यौन अपराध की बढती प्रवृत्ति को रोकने के लिए कड़े कदम उठाए जाने की सख्त आवश्यकता है। इसलिए विभिन्न अपराधों के लिए दंड में वृद्धि के लिए उपबंध करने की खातिर कानून में संशोधन का प्रस्ताव किया गया है। इससे अपराधियों में भय पैदा होगा और बालकों की सुरक्षा तथा गौरवपूर्ण बचपन सुनिश्चित हो सकेगा।
विधेयक में कहा गया है कि हाल के समय में देश में अमानवीय मानसिकता दर्शाने वाले बाल यौन अपराधों की संख्या में वृद्धि हुयी है। बालक अपनी अल्पव्यस्कता, शारीरिक दुर्बलता और जीवन तथा समाज का अनुभव नहीं होने के कारण इन अपराधों के आसान शिकार बन जाते हैं।
विधेयक में प्रावधान किया गया है कि अल्पवय के खिलाफ गंभीर यौन अपराध के साबित होने पर दोषी को कम से 20 वर्ष की कठिन कारावास की सजा सुनायी जाएगी। इसमें ऐसे अपराध के लिए आजीवन कारावास, मृत्युदंड और जुर्माने का भी प्रावधान रखा गया है।
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