जम्मू-कश्मीर: त्राल मुठभेड़ समाप्त, मूसा का शव परिजनों को सौंपा
दक्षिण कश्मीर में पुलवामा जिले केाल इलाके में आतंकवादियों और सुरक्षा बलों के बीच 12 घंटे तक चली मुठभेड़ शुक्रवार सुबह समाप्त हो गयी।
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इस मुठभेड़ में आतंकवादी संगठन अंसार गजवातुल हिंद के प्रमुख एवं मोस्ट वांटेड आतंकवादी जाकिर मूसा समेत दो आतंकवादी मारे गये।सुरक्षा बलों ने मूसा के मारे जाने को बड़ी सफलता बताया है। मूसा के सिर पर 15 लाख रुपये का ईनाम घोषित था।
जिस इलाके में मूसा मारा गया उसी इलाके में जुलाई 2016 को आतंकवादी संगठन हिजबुल मुजाहिद्दीन का शीर्ष कमांडर बुरहान वानी भी मारा गया था। वानी के मारे जाने के बाद व्यापक पैमाने पर विरोध प्रदर्शन तथा झड़पें शुरू हो गयी थीं। इस दौरान सुरक्षा बलों की कार्रवाई में 100 से अधिक लोग मारे गये थे। बाद में 100 से अधिक युवकों ने आतंकवाद की राह पकड़ ली।
मूसा के शव को उसके परिवार के सदस्यों को सौंप दिया गया तथााल स्थित उसके गांव नूरपोरा की ओर जाने वाली सभी सड़कों को सील कर दिया गया है ताकि आस-पास के इलाकों को वहां एका होने से रोका जा सके। पुलवामा जिले केाल और अन्य इलाकों में प्रदर्शनों को रोकने के लिए कर्फ्यू जैसी पाबंदियां लगायी गयी हैं।
रक्षा मांलय के प्रवक्ता कर्नल राजेश कालिया ने शुक्रवार को कहा कि मुठभेड़ खत्म हो गई है तथा मूसा का शव बरामद कर लिया गया है। पुलिस के प्रवक्ता ने कहा कि लोगों से मुठभेड़ स्थल के आस-पास नहीं जाने की अपील की गई है जब तक कि इलाके को सुरक्षित घोषित नहीं कर दिया जाय।
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि इस क्षेत्र में आतंकवादियों के छिपे होने की गुप्त सूचना मिलने के बाद राज्य पुलिस, सेना तथा केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) ने पुलवामा केाल के दादसर में गुरुवार शाम को खोजी अभियान शुरू किया। सुरक्षा बल जब खास क्षेत्र की तरफ बढ़ रहे थे तो वहां छिपे आतंकवादियों ने उन पर स्वचलित हथियारों से गोलियां चलानी शुरू कर दी। सुरक्षा बलों की जवाबी कार्रवाई के बाद मुठभेड़ शुरू हो गयी।
अफवाहों को फैलने से रोकने के लिए पुलवामा में इंटरनेट सेवाओं को स्थगित कर दिया गया है। मूसा के घर में घिरे होने की खबर सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद कश्मीर के प्रमंडलीय आयुक्त ने सभी शैक्षणिक संस्थानों को बंद करने की घोषणा कर दी।
सूत्रों ने बताया कि जिस घर से मूसा गोलीबारी कर रहा था उसे सुरक्षा बलों ने उड़ा दिया तथा देर रात गोलीबारी रूक गयी। जब सुरक्षा बलों ने क्षतिग्रस्त घर की तलाशी शुरू की तो मूसा अचानक सामने आकर गोलीबारी शुरू कर दी। जवाबी कार्रवाई में करीब छह बजे मूसा मारा गया।
मूसा के शव को अवंतीपोरा थाना लाया गया और बाद में शव को उसके परिवार के सदस्यों को सौंप दिया गया। मूसा के घर पर नूरपोरा तथा आस-पास के इलाकों के लोग जमा हो गये थे। नूरपोरा जाने वाले सभी सड़कों पर बड़ी संख्या में सुरक्षा बल और पुलिस के जवान तैनात हैं तथा सभी मार्ग को कंटीली तारों से घेरकर बंद कर दिया गया है।
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