उच्च शिक्षा प्रणाली में हो आमूलचूल बदलाव : वेंकैया

Last Updated 01 May 2019 06:06:13 AM IST

उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने 21वीं सदी की बदलती जरूरतों को पूरा करने के लिए देश की उच्च शिक्षा प्रणाली में आमूलचूल बदलाव की मंगलवार को वकालत की।


नायडू ने कहा, ‘समय आ गया है जब भारत खुद को ज्ञान एवं नवोन्मेष के केंद्र के रूप में स्थापित करे। उसके लिए हमें विभिन्न क्षेत्रों में 21वीं सदी की तेजी से बदलती जरूरतों को पूरा करने के लिए उच्च शिक्षा प्रणाली में आमूलचूल बदलाव करना होगा।’ उपराष्ट्रपति ने यहां ‘शिक्षा, उद्यमिता एवं नैतिकता’ विषय पर डॉ. राजाराम जयपुरिया स्मृति व्याख्यान देते हुए यह टिप्पणी की।

उन्होंने कहा, ‘पाठ्यक्रम, पाठ्यचर्या और अध्यापन कला को उद्देश्यपरक चिंतन तथा सृजनात्मकता का इस्तेमाल करते हुए पूरी तरह बदलना होगा। रटंत पद्धति की जगह व्यावहारिक शिक्षण लाना होगा। विद्यार्थी आज के समय में कहीं से भी सीख सकते हैं। प्रौद्योगिकी ने विभिन्न माध्यमों से दूरी की बाधा प्रभावी तरीके से हटा दी है।’

उन्होंने कहा, ‘शिक्षा विकास का सबसे अहम इंजन है और यह एक सबसे अच्छा उपहार है, जिसे आप सभ्यता की प्रगति और मानवता की निरंतर तरक्की के लिए बच्चों और युवकों को प्रदान कर सकते हैं।’ नायडू ने कहा कि भारत को औद्योगिक क्रांति के लिए तैयार होने तथा विकसित देश बनने के लिए विकास के फासले को पाटने की जरूरत है।

उन्होंने कहा, ‘आप सब जानते हैं कि हम चौथी औद्योगिक क्रांति के युग में जी रहे हैं। इस युग में विकसित देशों के संबंध में विकास में जो फासला है, उसे पाटने का अवसर भारत के पास है। हमने पहले की तीन औद्योगिक क्रांतियों को वक्त पर शुरू करने में चूक की है । हम पश्चिम के बराबर पहुंचने में काफी पीछे हैं।’

भाषा
नई दिल्ली


Post You May Like..!!

Latest News

Entertainment